रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की गुड गवर्नेंस नीति के तहत शासन की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और जनहितकारी बनाने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वाणिज्यिक कर (GST) विभाग में वर्षों बाद बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं, जो राज्य के कर प्रशासन को नया स्वरूप देंगे।
लंबे समय से जमे थे अधिकारी, अब व्यापक बदलाव
पिछले 2-3 वर्षों में विभाग में केवल सीमित संख्या में तबादले हुए थे, लेकिन अब 35 स्वीकृत राज्य कर उपायुक्त पदों में से 17 अधिकारियों को पदोन्नति के बाद नई पदस्थापना दी गई है। वहीं 8 उपायुक्त और 4 सहायक आयुक्त, जो 5 वर्षों से अपने गृह जिले में कार्यरत थे, उनका स्थानांतरण किया गया है।
कुछ चौंकाने वाले आंकड़े:
- 3 उपायुक्त: पिछले 10 वर्षों से एक ही जगह
- 2 अधिकारी: 8 वर्षों से
- 3 अधिकारी: 4-5 वर्षों से रायपुर में पदस्थ
- 178 राज्य कर अधिकारी/निरीक्षक: 4-5 वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत
- 34 अधिकारी और 45 निरीक्षक: लगातार 5 वर्षों से अपने गृह जिले में
इतनी लंबी तैनाती से विभागीय कार्यप्रणाली पर असर और व्यापारियों से व्यक्तिगत संबंधों की आशंका जताई गई थी।
नए जिलों में भी स्थापित होंगे GST वृत्त
वाणिज्यिक कर मंत्री ओ पी चौधरी ने बताया कि अब दंतेवाड़ा, कोंडागांव, जशपुर, सक्ती और सारंगढ़ जैसे जिलों में भी वृत्त स्थापित किए गए हैं, जहां पहले कोई विभागीय उपस्थिति नहीं थी। इससे राज्यभर में कर व्यवस्था का विकेन्द्रीकरण होगा।
BIU और ऑडिट यूनिट का गठन
राजस्व संग्रहण को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विभाग में BIU (बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट) और ऑडिट यूनिट का गठन कर वहां अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
तबादलों में दिखी मानवीय संवेदनशीलता
सरकार ने तबादलों में मानवीय दृष्टिकोण को भी महत्व दिया है। पति-पत्नी दोनों अधिकारी होने की स्थिति में उन्हें एक ही जिले में तैनात किया गया है और महिला अधिकारियों को निकटवर्ती जिलों में पोस्टिंग दी गई है।