रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का प्रदेश में जबरदस्त असर दिख रहा है। पूर्व आईएएस व आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) के माध्यम से ‘पीपल फॉर पीपल’ अभियान चला रहे हैं। प्रदेशभर में चार करोड़ पौधे रोपे जा रहे हैं, और नवा रायपुर को पीपल सिटी के रूप में विकसित करने का नवाचार भी शुरू हो गया है।
पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी की मां के सुझाव पर उन्होंने घर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत पीपल का पेड़ लगाया। प्रधानमंत्री की अपील को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने नवा रायपुर को पीपल के वृक्षों से आच्छादित करने का फैसला लिया है। पहले चरण में 21,000 पीपल के पौधे लगाए जा रहे हैं। ‘पीपल फॉर पीपल’ अभियान के तहत नवा रायपुर में कुल 1,06,000 पौधे रोपे जाएंगे, जिसमें 40,000 पीपल के और बाकी नीम, बरगद, जामुन, अमलतास, अर्जुन के पौधे होंगे।
मंत्री ओपी चौधरी के अनुसार, पीपल वृक्ष भरपूर मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन देता है। इसे शुभ और पवित्र माना जाता है, और हमारी प्राचीन भारतीय सभ्यता में इसका विशेष स्थान है। पीपल के वृक्ष को ईश्वर का वास माना जाता है, इसलिए इसे काटा नहीं जाता।
हर चौक-चौराहे पर एक पीपल का पौधा लगाने का लक्ष्य है। विशेषज्ञों का मानना है कि नवा रायपुर में पीपल के पौधे पर्यावरण संरक्षण में मदद करेंगे और कार्बन उत्सर्जन को रोकने में कारगर होंगे। मंत्री चौधरी इंटरनेट मीडिया पर जुड़े लाखों लोगों से भी पीपल लगाने की अपील कर रहे हैं।
जैविकी विशेषज्ञ व गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय, संबलपुर ओडिशा के पूर्व कुलपति डा. एके पति का कहना है कि पीपल वृक्ष वातावरण में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है और कार्बन डाई ऑक्साइड का इस्तेमाल करता है। इससे वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा कम होती है और तापमान नियंत्रित रहता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पीपल का पुराना पेड़ रोजाना करीब 250 लीटर ऑक्सीजन रिलीज करता है, जबकि नए पौधे केवल 10 लीटर ऑक्सीजन प्रतिदिन देते हैं। पीपल हानिकारक बैक्टीरिया को भी खत्म करता है।