रायपुर/रोहतास। बिहार के रोहतास जिले के नटवार थाना क्षेत्र में बचपन बचाओ समिति की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी कर 45 लड़कियों को रेस्क्यू किया। इनमें से 41 नाबालिग छत्तीसगढ़ की निकलीं, जिनमें सबसे अधिक राजनांदगांव और आसपास के इलाकों से थीं।
रेड लाइट एरिया से मिलीं छत्तीसगढ़ की दो नाबालिग
बिहार पुलिस की जांच में सामने आया कि दो नाबालिग छत्तीसगढ़ की थीं, जिन्हें आर्केस्ट्रा में काम दिलाने के बहाने ले जाया गया था। लेकिन बाद में उन्हें रेड लाइट एरिया से बरामद किया गया।
इनमें से एक भिलाई के थनौद गांव की थी। जब हरिभूमि की टीम वहां पहुंची, तो स्थानीय लोगों ने बताया कि परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था।
बिहार पुलिस से छत्तीसगढ़ पुलिस ने मांगी जानकारी
बिहार पुलिस के अनुसार, लड़कियों की उम्र और स्थिति की जांच की जा रही है।
इस घटना के बाद अंजोरा पुलिस टीम बिहार रवाना हो गई है ताकि दोनों नाबालिगों को दुर्ग जिला लाया जा सके।
परिवार की मजबूरी बनी वजह
थनौद की नाबालिग के पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। परिवार कबाड़ी का काम करता है और रोजी-रोटी की तलाश में उसे बिहार भेजा गया था।
घटना सामने आने के बाद, पुलिस जिले में लापता लोगों की सूची तैयार कर रही है ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
क्या कहा प्रशासन ने?
रोहतास एसपी रोशन कुमार का कहना है कि लड़कियों की उम्र का सत्यापन किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ पुलिस भी इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और संबंधित परिवारों से जानकारी जुटा रही है।