रायपुर। प्रदेश में उज्ज्वला और NFSA कनेक्शनधारियों के नाम पर हो रही रसोई गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आदेश जारी किया है कि अब इन उपभोक्ताओं को सिलेंडर की डिलीवरी केवल OTP (वन टाइम पासवर्ड) सत्यापन के बाद ही की जाएगी। यह व्यवस्था सब्सिडी के दुरुपयोग और ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिए लागू की गई है।
छत्तीसगढ़ में लाखों कनेक्शन
राज्य में उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 36,76,260 गैस कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। केवल रायपुर जिले में ही 1,65,918 उज्ज्वला कनेक्शन हैं। इन उपभोक्ताओं को प्रति सिलेंडर राज्य सरकार से ₹450 की सब्सिडी और केंद्र सरकार से ₹300 की सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से दी जाती है।
हर महीने संदिग्ध रिफिल
खाद्य विभाग के अनुसार, जब लाभार्थियों को सब्सिडी नहीं मिलती थी, तब वे सालभर में औसतन 6 से 9 सिलेंडर ही रिफिल करवाते थे। लेकिन अब बड़ी संख्या में लाभार्थी हर महीने सिलेंडर रिफिल करवा रहे हैं। संदेह है कि एजेंसी संचालक या अन्य लोग इनके नाम पर बुकिंग कर सिलेंडर ऊंचे दामों पर बाजार में बेच रहे हैं।
सरकार को करोड़ों का नुकसान
फर्जी बुकिंग और कालाबाजारी के चलते सरकार को हर माह करोड़ों रुपए की सब्सिडी का नुकसान उठाना पड़ रहा है। लाभार्थी के नाम से बुकिंग तो होती है, लेकिन सिलेंडर किसी और को दे दिया जाता है और सरकार को सब्सिडी ट्रांसफर करनी पड़ती है।
नई व्यवस्था से मिलेगी राहत
नए आदेश के तहत अब सिलेंडर की डिलीवरी के समय उपभोक्ता को अपने मोबाइल पर प्राप्त OTP बताना अनिवार्य होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि रिफिल की गई गैस उसी व्यक्ति को मिले, जिसके नाम पर बुकिंग हुई है।