बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने IPS जीपी सिंह को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में दर्ज किए गए राजद्रोह के केस की सभी कार्यवाही रद्द कर दी है। जीपी सिंह को राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जुलाई 2023 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।
जुलाई 2021 में ACB ने जीपी सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले सहित राजनांदगांव और ओडिशा में 15 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति और कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए गए थे। इस छापेमारी के बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
इस कार्रवाई के बाद 5 जुलाई 2021 को उन्हें निलंबित किया गया, और 8 जुलाई की रात में उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उन पर राज्य सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप था, जिसके खिलाफ जीपी सिंह ने 9 जुलाई 2021 को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
जांच के दौरान, 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया, हालांकि उन्हें मई 2022 में जमानत मिल गई। सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 21 जुलाई 2023 को जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी। उस समय उनके सेवा काल में आठ वर्ष शेष थे।