राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी, हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लिया है। राजनांदगांव जिले के डीईओ द्वारा छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है।

क्या है पूरा मामला?

राजनांदगांव जिले की कुछ छात्राएं स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई प्रभावित होने से परेशान थीं। उन्होंने इस समस्या को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से मुलाकात की थी। लेकिन इसके बजाय डीईओ ने छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें जेल जाने की धमकी दी। इस मामले को मीडिया में प्रमुखता से उठाया गया था।

हाईकोर्ट का हस्तक्षेप

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वतः संज्ञान लिया और जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने राज्य सरकार, स्कूल शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से जवाब मांगा।

सरकार का जवाब

राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश में लगभग 267 स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षकों की कमी है। इनमें से 60 स्कूलों में स्थानीय स्तर पर शिक्षक नियुक्त किए गए हैं और 55 स्कूलों में अन्य स्कूलों से शिक्षकों का समायोजन किया गया है। बाकी स्कूलों में भी नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।

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