16 हजार एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाएँ ठप

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16 हजार से अधिक कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल का सीधा असर प्रदेशभर की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े ऑनलाइन पोर्टल का काम पूरी तरह ठप हो गया है।

कर्मचारियों की मुख्य माँगें

हड़ताली कर्मचारियों ने नियमितीकरण, संविलियन, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड पे निर्धारण, पारदर्शी कार्य मूल्यांकन व्यवस्था, लंबित 27% वेतन वृद्धि, नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण, अनुकंपा नियुक्ति, अवकाश सुविधा, स्थानांतरण नीति और न्यूनतम 10 लाख रुपये का कैशलेस चिकित्सा बीमा जैसी प्रमुख मांगें रखी हैं।

20 साल सेवा के बाद भी स्थायित्व नहीं

एनएचएम संघ के जिला अध्यक्ष अमृत राव भोंसले, प्रांतीय प्रतिनिधि भूपेश साहू और भूपेंद्र सिन्हा ने आरोप लगाया कि पिछले 20 वर्षों से लगातार सेवा देने के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं किया है। कई बार सरकार से वार्ता हुई लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। कर्मचारियों को न तो स्थायित्व मिला है और न ही उचित वेतनमान।

संघ के प्रवक्ता संदीप वर्मा ने कहा कि सरकार की उपेक्षा और टालमटोल की नीति से तंग आकर कर्मियों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ा है। यह आंदोलन सिर्फ कर्मियों के हक की लड़ाई नहीं, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और लाखों मरीजों के हित से जुड़ा है।

कोरोना काल की भूमिका याद दिलाई

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने कहा कि कोरोना महामारी जैसे कठिन समय में एनएचएम कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा दी। इसके बावजूद आज जब वे अपने भविष्य और अधिकारों की मांग कर रहे हैं तो सरकार मौन है। जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।

कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने ठोस पहल नहीं की तो आंदोलन और उग्र होगा। आंदोलन के पहले दिन कर्मचारियों ने मानव श्रृंखला बनाकर कोरोना काल में शहीद हुए स्वास्थ्यकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उनका कहना है कि उन कर्मियों के परिवारों को अब तक शासन-प्रशासन ने न तो आर्थिक सहायता दी और न ही सुरक्षा लाभ।

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