छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त: जेलों में 40% अधिक भीड़ पर जताई चिंता, सरकार और डीजी जेल को दिए निर्देश

रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य की जेलों में बढ़ती कैदी संख्या और कल्याण अधिकारियों (वेलफेयर ऑफिसर) की कमी पर गंभीर चिंता जताई है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और जेल महानिदेशक को तत्काल प्रभाव से आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

अदालत ने स्पष्ट किया कि हर जिला जेल में वेलफेयर ऑफिसर की नियुक्ति और समय पर अतिरिक्त बैरकों का निर्माण जरूरी है, ताकि कैदियों को मानक सुविधाएं मिलें और भीड़भाड़ की समस्या नियंत्रित हो।

जेल डीजी का शपथपत्र
डीजी, जेल एवं सुधार सेवाओं ने शपथपत्र में बताया कि 9 सितंबर 2025 तक प्रदेश की 33 जेलों में 14,883 की क्षमता के मुकाबले 21,335 कैदी बंद हैं। उन्होंने जानकारी दी कि भीड़ कम करने के लिए विभिन्न जिलों में अतिरिक्त बैरक और नई जेलों का निर्माण कार्य जारी है।

हाईकोर्ट के निर्देश

  • रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए।
  • हर जिला जेल में वेलफेयर ऑफिसर की नियुक्ति हो।
  • नई जेलों और बैरकों का निर्माण कार्य तेज किया जाए।
  • जेल महानिदेशक 8 दिसंबर 2025 तक व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करें।

सुरक्षा और स्वास्थ्य पर खतरा
कोर्ट को बताया गया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की केंद्रीय और जिला जेलों की कुल क्षमता लगभग 15 हजार कैदियों की है, जबकि इनमें 20,500 से अधिक कैदी बंद हैं। यह स्थिति न केवल भीड़भाड़ बढ़ा रही है बल्कि कैदियों और जेल प्रशासन दोनों के लिए गंभीर सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां खड़ी कर रही है।

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