बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की खराब सड़कें और लगातार हो रहे सड़क हादसों को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि नेशनल हाईवे-343 और एनएच-130 की खस्ता हालत और ब्लैक स्पॉट्स आम लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग (PWD) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से जवाबदेही सुनिश्चित करने और तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने को कहा।
मामला और जनहित याचिका
यह मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में उस समय आया, जब एक पिकअप वाहन के ब्रेक फेल होने से 19 लोगों की मौत हो गई। चालक वाहन छोड़कर कूद गया और गाड़ी 35 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे की खबरें मीडिया में प्रकाशित होने के बाद कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेकर जनहित याचिका दर्ज की।
PWD और एनएचएआई की रिपोर्ट
PWD सचिव ने कोर्ट को बताया कि अंबिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा रोड (एनएच-343) सुधारने के लिए लगभग 740 करोड़ की मंजूरी केंद्र सरकार से मिल चुकी है। काम तीन पैकेजों में बंटा है, मई 2025 में ठेका भी दे दिया गया था, लेकिन बारिश की वजह से कार्य ठप हैं। फिलहाल 2.81 करोड़ की लागत से अस्थायी मरम्मत जारी है। ब्लैक स्पॉट्स सुधारने के लिए कई प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए हैं, जिनकी मंजूरी का इंतजार है।
एनएचएआई ने बताया कि बिलासपुर, मुंगेली और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के 10 ब्लैक स्पॉट्स में से कई हटाए जा चुके हैं। बिलासपुर के सेंदरी जंक्शन पर नई सर्विस रोड 90% तैयार है। लिमतरा मोड़ पर 3.98 करोड़ की लागत से सर्विस रोड का टेंडर जारी है।
हाईवे पर सुरक्षा और पर्यावरण की चिंता
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में पाया गया कि कोरबा से रायपुर तक एनएच-130 पर पावर प्लांट्स ट्रकों से फ्लाई ऐश ढोते समय पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं कर रहे। उड़ती राख दिन में भी जीरो विजिबिलिटी पैदा कर रही है, जिससे सड़क हादसे हो रहे हैं। आसपास के गांवों में सांस की बीमारियां भी बढ़ रही हैं।
पावर प्लांट्स और पर्यावरण मंडल से स्पष्टीकरण
हाईकोर्ट ने एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल को छोड़कर अन्य पावर प्लांट्स (केएसके महानदी, डीबी पावर, बाल्को, एसकेएस पावर, एसीबी पावर आदि) से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को पार्टी बनाकर हलफनामा पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।