सरगुजा। अंबिकापुर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बड़ी लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण ऑक्सीजन लगे मरीज को परिजनों ने स्ट्रेचर पर हाईवे पार कर दूसरे हिस्से में ले जाना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दरअसल, मेडिकल कॉलेज अस्पताल दो हिस्सों में बंटा है, जिसके बीच से नेशनल हाइवे गुजरता है। अस्पताल के दूसरे हिस्से में महिला सर्जिकल और एमसीएच ब्लॉक संचालित होता है। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए सड़क पार कर एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाना पड़ता है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस की व्यवस्था की है, लेकिन जरूरत पड़ने पर मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही।
हाल ही में एक महिला मरीज को नकीपुरिया वार्ड से अस्पताल के दूसरे हिस्से में शिफ्ट किया जा रहा था। उस समय एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर परिजनों ने स्ट्रेचर पर सड़क पार कराया। साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ अस्पताल की महिला कर्मचारी भी चल रही थी। यह दृश्य बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है, क्योंकि हाईवे पार करते वक्त कभी भी बड़ा हादसा हो सकता था।
इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरसी आर्या ने सफाई दी कि व्यवस्था में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस एक गंभीर मरीज को लेकर बाहर गई हुई थी। थोड़ी देर बाद एंबुलेंस लौट भी आई, लेकिन परिजन स्वयं ही मरीज को ले गए।
गौरतलब है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार सवालों के घेरे में है। हाल ही में तखतपुर के उपस्वास्थ्य केंद्र में बिजली न होने की वजह से डॉक्टर को टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी करानी पड़ी थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को इसकी जानकारी तक नहीं रही।
मामले पर पूछे जाने पर मंत्री ने मासूमियत भरा जवाब देते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की जांच कराई जाएगी और यदि लापरवाही साबित हुई तो दोषियों पर विधिसम्मत कार्रवाई होगी।