छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना की पहल , रायपुर घड़ी चौक स्थित छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर हुआ जीर्णोद्धार

रायपुर : राजधानी की हृदय स्थल गुरू घासीदास नगर घड़ी चौक में सन् 1998 से विराजमान हैं छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा। राज्य निर्माण आंदोलन की मांग चरम सीमा पर थी, उसी समय आंदोलनकारियों ने यह मंदिर बनवाया था। ताकि छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान जीवित रहे व इसी जगह इकट्ठा होके अलग राज्य निर्माण की मांग को लेकर बिगुल फूंका था। आज छत्तीसगढ़ राज्य अपनी अलग पहचान के लिए जाना जाता हैं, राज्य निर्माण के बाद आज तक छत्तीसगढ़ महतारी का वैभव लगातार बढ़ा है। शहर के समाजसेवी संजीव साहू ने बताया नगर घड़ी चौक से लगे छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर लम्बे समय से जीर्ण शीर्ण अवस्था में गंदे नालियों और कचरों से घिरा हुआ था, जिस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। इसी बीच छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना से जुड़े युवकों ने एक टीम बनाकर मंदिर की साफ-सफाई जिर्णोद्धार नवनिर्माण का जिम्मा उठाया।

महतारी सेवा नाम से बनी युवकों की टीम ने लगातार मेहनत के साथ पैसे इकट्ठे कर धिरे धिरे मंदिर को सजाया संवारा शीट लगाकर रंग रोगन का काम पुरा किया, इससे पहले भी क्रान्ति सेना ने नगरपालिका व महापौर को ज्ञापन देकर मंदिर को सहेजने की बात रखी थी लेकिन कोई सुध लेने भी नहीं आया। 20 अक्टूबर 2024 को छत्तीसगढ़ महतारी की पुजा अर्चना कर मंदिर को नये स्वरूप में पूर्ण कर राज्य निर्माण आंदोलन में लगे सभी आंदोलनकारियों को याद कर नमन भी किया गया। महतारी सेवा के युवकों में कमलेश साहू, अनिल सिन्हा, मनोज साहू, दीपक साहू, अजय साहू, लीलेश यादव व हेमन्त साहू ने मिलकर इस गौरवशाली इतिहास को सहेजते हुए छत्तीसगढ़ियों की भावना को जीवंत किया। यह मंदिर घड़ी चौक व वीर नारायण सिंह व्यावसायिक परिसर के बीच में स्थापित हैं।

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