नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए हथियार छोड़ने का जताया इरादा, सरकार से मांगा एक माह का समय

छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन ने पहली बार स्पष्ट रूप से शांति वार्ता की पेशकश करते हुए हथियार छोड़ने की इच्छा जताई है। संगठन के केंद्रीय समिति प्रवक्ता कामरेड अभय द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि वे वीडियो कॉल के जरिए बातचीत के लिए तैयार हैं और इसके लिए एक महीने का समय चाहते हैं।

पत्र में नक्सलियों ने एक माह के सीज-फायर का प्रस्ताव रखते हुए कहा है कि इस दौरान संगठन के सक्रिय सदस्यों और जेलों में बंद कैदियों से चर्चा की जाएगी। साथ ही, जंगलों में चल रहे सुरक्षा बलों के एक्शन को तत्काल रोकने की मांग की गई है।

नक्सलियों ने आरोप लगाया कि 21 मई को माड़ के मुंडेकोट इलाके में हुए हमले में उनके महासचिव बसवराजू सहित 28 सदस्य मारे गए। इसके बावजूद, संगठन ने वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि बदली परिस्थितियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक की अपीलों को ध्यान में रखते हुए वे मुख्यधारा में शामिल होने को तैयार हैं। हालांकि, भविष्य में जन समस्याओं को लेकर वे राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन जारी रखेंगे।

You May Also Like

More From Author