छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में बिना अनुमति रोगियों की फोटो-वीडियो पर रोक

रायपुर। राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक अहम आदेश जारी करते हुए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और शासकीय अस्पतालों में रोगियों की फोटो और वीडियो लेने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। अब बिना लिखित सहमति के न तो मरीज की तस्वीर ली जा सकेगी और न ही वीडियो बनाया जा सकेगा। यह आदेश मंगलवार को सार्वजनिक हुआ है, जिसे चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 13 जून को जारी किया था।

इस आदेश को रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय (मेकाहारा) में हाल ही में हुए बाउंसर विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, आदेश में इसे मीडिया प्रबंधन प्रोटोकॉल के तहत लागू किया गया बताया गया है।

अस्पताल परिसर में मीडिया के लिए सख्त गाइडलाइन

चार पन्नों के इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि:

  • अस्पताल के वार्डों और संवेदनशील क्षेत्रों में मीडिया के प्रवेश पर सख्त रोक होगी।
  • किसी घटना या दुर्घटना में मरीज की पहचान, नाम या चिकित्सकीय स्थिति का खुलासा तब तक नहीं किया जाएगा जब तक यह कानूनन अनिवार्य न हो।
  • मीडिया को रिपोर्टिंग से पहले जनसंपर्क अधिकारी (PRO) से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
  • लाइव रिपोर्टिंग के लिए तय स्थान और समय निर्धारित किए जाएंगे, ताकि अस्पताल के सामान्य कामकाज पर कोई प्रभाव न पड़े।
  • किसी भी रोगी से जुड़ी संवेदनशील जानकारी बिना सहमति उजागर नहीं की जा सकेगी।

चिकित्सा शिक्षा विभाग को देनी होगी रिपोर्ट

इस आदेश के तहत सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों से जुड़े अस्पतालों से कहा गया है कि:

  • किसी भी प्रकाशित समाचार की जानकारी उसी दिन चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त कार्यालय को दी जाए।
  • संबंधित कॉलेजों और अस्पतालों को पांच दिनों के भीतर अनुपालन प्रतिवेदन (Compliance Report) भी भेजना अनिवार्य होगा।

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