केदार कश्यप विवाद पर गरमी, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा – सीएम साय ने किया बचाव, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत इस समय एक बड़े विवाद को लेकर गर्मा गई है। आरोप है कि वन एवं परिवहन मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता केदार कश्यप ने जगदलपुर सर्किट हाउस में देर रात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से मारपीट और अभद्र व्यवहार किया। घटना के बाद कर्मचारी ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद कांग्रेस ने प्रदेशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया और मंत्री के इस्तीफे की मांग की।

कर्मचारी का आरोप

जानकारी के मुताबिक, मंत्री केदार कश्यप दौरे से लौटकर जब देर रात सर्किट हाउस पहुंचे, तो दरवाजा देर से खोलने पर नाराज हो गए। पीड़ित कर्मचारी का कहना है कि मंत्री ने न केवल गाली-गलौज की बल्कि कमरे में बुलाकर मारपीट भी की।

मंत्री का जवाब

मंत्री कश्यप ने सभी आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा, “मैंने केवल कर्मचारियों को डांटा था। मारपीट का आरोप पूरी तरह झूठा और निराधार है। कांग्रेस मुद्दाविहीन होकर झूठे प्रचार में लगी है।”

कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

इस मामले को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि निचले स्तर के कर्मचारी से मारपीट बेहद गंभीर मामला है। रायपुर के गांधी मैदान सहित कई जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कश्यप का पुतला दहन किया।
कोंडागांव में जिला कांग्रेस अध्यक्ष झूमुक दीवान ने कहा, “माँ की गाली देने वाला मंत्री बर्दाश्त नहीं होगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को तुरंत इस्तीफा लेना चाहिए।”

भाजपा और डिप्टी सीएम की सफाई

वहीं, डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “केदार कश्यप वरिष्ठ मंत्री हैं और उन्होंने साफ कहा है कि मारपीट जैसी कोई घटना नहीं हुई। कांग्रेस उनकी चरित्र हत्या कर राजनीति चमकाना चाहती है।”
भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी आरोपों को झूठा बताया और कहा कि मंत्री ने केवल व्यवस्था सुधारने की बात कही थी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी मामले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी कश्यप से बात हुई है और मारपीट जैसी कोई घटना नहीं हुई। “कांग्रेस चुनावी हार से बौखलाई हुई है और मुद्दाविहीन राजनीति कर रही है।”

इसके साथ ही सीएम साय ने बस्तर संभाग में अतिवृष्टि से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति पर भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अब तक 1.20 लाख से अधिक कच्चे मकान और पशुधन की क्षति हुई है। मुआवजा और राहत वितरण का काम जारी है। सीएम ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित अन्य राज्यों से मिली मदद के लिए आभार जताया।

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