रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यरत 16,000 से अधिक संविदा कर्मचारी 10 जुलाई से सिलसिलेवार आंदोलन की शुरुआत करेंगे। यह आंदोलन छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले 10 सूत्रीय लंबित मांगों के निराकरण की मांग को लेकर किया जा रहा है।
वर्षों से लंबित मांगों से नाराज कर्मी
संघ की प्रमुख मांगों में
- नियमितीकरण
- 27% वेतन वृद्धि
- ग्रेड पे निर्धारण
- स्थानांतरण नीति लागू करना
- सेवा शर्तों में सुधार
- अन्य विभागों के समकक्ष सुविधाएं
सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
“अब चेतावनी नहीं, समाधान चाहिए” — अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि बीते दो वर्षों से संघ शासन-प्रशासन के समक्ष लगातार संवाद कर रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस हल नहीं निकला। उन्होंने कहा, “संविदा कर्मियों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। यह सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि समाधान की मांग है।”
“व्यवस्था हो चुकी है संवेदनहीन” — प्रवक्ता पूरन दास
प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने कहा कि “मोदी की गारंटी जैसे बड़े वादों के बावजूद संविदा कर्मियों की मांगों की अनदेखी यह दर्शाती है कि सरकार संवेदनहीन हो चुकी है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते निर्णय नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी जनआंदोलन का रूप ले सकता है।
चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा
संघ ने आंदोलन को चरणबद्ध ढंग से संचालित करने का निर्णय लिया है:
- 10 जुलाई: विधायकों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- 11 जुलाई: भाजपा जिलाध्यक्षों को सौंपा जाएगा मांग-पत्र।
- 12-16 जुलाई: कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे कर्मचारी।
- 16 जुलाई: विशेष ज्ञापन दिवस।
- 17 जुलाई: “रायपुर चलो” कार्यक्रम के तहत राजधानी में जुटेंगे कर्मचारी।