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धान खरीदी में अनियमितता पर कलेक्टर होंगे सीधे जिम्मेदार: मुख्यमंत्री का सख्त रुख, सचिवों को भी निगरानी के निर्देश

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी धान खरीदी को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में बेहद सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि धान खरीदी केंद्रों पर किसी भी तरह की अनियमितता या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित जिले के कलेक्टर सीधे जिम्मेदार होंगे। साथ ही, उन्होंने सभी प्रभारी सचिवों को भी अपने-अपने जिलों में धान खरीदी केंद्रों की पैनी निगरानी करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि धान खरीदी की सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएं, क्योंकि प्रदेश में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है। उन्होंने दो टूक कहा कि किसानों का एक-एक दाना धान सरकार खरीदेगी और इस प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्य निर्देश और बातें:

कलेक्टरों को सीधे जिम्मेदारी: धान खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी पाए जाने पर सीधे कलेक्टरों को जवाबदेह माना जाएगा।

सचिवों को निगरानी के निर्देश: सभी प्रभारी सचिवों को जिलों में धान खरीदी की लगातार और गहन निगरानी करने को कहा गया है।

संवेदनशील केंद्रों पर विशेष नजर: मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से संवेदनशील धान खरीदी केंद्रों की गहन मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं।

पारदर्शिता और सुगमता: खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शिता, सुगमता और जवाबदेही के साथ संचालित होनी चाहिए।

समय पर तैयारी: 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में सुशासन और जनहित के नए मानक स्थापित करने पर जोर दिया और कहा कि योजनाओं का लाभ समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुँचना ही सुशासन का वास्तविक अर्थ है। धान खरीदी को लेकर यह सख्त चेतावनी, सरकार की मंशा को साफ करती है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और पूरी प्रक्रिया निर्बाध रूप से संचालित हो।

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