रायपुर। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। वे पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति तक प्रदेश के पुलिस प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। डीजीपी अशोक जुनेजा के सेवानिवृत्त होने के बाद यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है।
डीजीपी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी
पूर्व डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल जुलाई 2024 में समाप्त होने वाला था, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें छह महीने का सेवा विस्तार दिया था। नए डीजीपी के नाम पर केंद्र सरकार की मुहर लगने के बाद स्थायी नियुक्ति की जाएगी। माना जा रहा है कि अरुण देव गौतम को ही पूर्णकालिक डीजीपी बनाया जा सकता है।
अरुण देव गौतम: एक परिचय
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव में जन्मे अरुण देव गौतम किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की और उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की। राजनीति शास्त्र में एमए करने के बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अंतरराष्ट्रीय कानून में एमफिल किया।
आईपीएस बनने का सफर
यूपीएससी परीक्षा में पहली बार असफल होने के बाद उन्होंने कड़ी मेहनत कर दूसरी बार सफलता प्राप्त की और 1992 में आईपीएस बने। उन्होंने 12 अक्टूबर 1992 को अपनी सर्विस ज्वाइन की और मध्य प्रदेश कैडर एलॉट हुआ।
प्रशासनिक अनुभव
अरुण देव गौतम ने जबलपुर, बिलासपुर, कवर्धा और भोपाल में विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे मध्य प्रदेश पुलिस की 23वीं बटालियन के कमांडेंट भी रहे। एसपी के रूप में उन्होंने राजगढ़, उज्जैन, विदिशा, मुरैना, रायसेन, शाजापुर और श्योपुर जिलों में सेवा दी।
