छत्तीसगढ़ में नशामुक्ति की दिशा में पुलिस द्वारा की जा रही कड़ी कार्रवाई के तहत, मंगलवार को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) पुलिस ने अंतर्राज्यीय गांजा तस्करों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। इस कार्रवाई में पुलिस ने 1.6 क्विंटल गांजा, 7 मोबाइल फोन, और 2 चारपहिया वाहनों सहित कुल ₹53 लाख का जुमला बरामद किया है। साथ ही, 5 अंतर्राज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जो इस संगठित तस्करी में शामिल थे।
गांजा तस्करों की गिरफ्तारी और बरामदगी
GPM पुलिस की संयुक्त टीम ने 2 सितंबर की सुबह मुखबिर की सूचना के आधार पर हर्राटोला के पास वाहनों की जांच की। इस दौरान, एक सफेद महिंद्रा टीयूवी 300 वाहन को रोका गया, जिसमें भारी मात्रा में गांजा बरामद हुआ। पुलिस ने गाड़ी में सवार दो युवकों, तुलसी शर्मा और उदय चौहान, को मौके पर ही हिरासत में ले लिया।
दोनों से पूछताछ और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने तीन और आरोपियों को बिलासपुर से गिरफ्तार किया, जिनमें सक्ति निवासी उतरा खूंटे उर्फ साहिल, अनुज आदिले, और अरुण चंद्रा शामिल हैं। एक अन्य आरोपी, साजन, मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश अभी भी जारी है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 बी और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि तस्करी में शामिल ट्रांसपोर्टर, खरीददार, और डिस्ट्रीब्यूटर मध्यप्रदेश के हैं, जबकि पायलटिंग और मार्गदर्शन छत्तीसगढ़ और ओडिशा से जुड़े हुए हैं।
इस ऑपरेशन का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता और अति. पुलिस अधीक्षक श्री ओमप्रकाश चंदेल द्वारा किया जा रहा है। पुलिस की इस सख्त कार्रवाई से तस्करी के इस बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है।
पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड वाले तस्कर
गिरफ्तार आरोपियों में तुलसी शर्मा और उतरा खूंटे उर्फ साहिल का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड भी है। तुलसी शर्मा पहले भी एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल जा चुका है, जबकि उतरा खूंटे उर्फ साहिल ने तस्करी के लिए पायलटिंग का काम किया है। पुलिस अब इनके फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की जांच भी कर रही है, ताकि इस संगठित तस्करी के अन्य पहलुओं को उजागर किया जा सके।
इस सफल ऑपरेशन में डीएसपी साइबर दीपक मिश्रा, एसडीओपी गौरेला श्याम सिदार, उप निरीक्षक सनत कुमार म्हात्रे, और अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन सभी ने संगठित तस्करी के इस नेटवर्क को तोड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पुलिस की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।