सरकारी नौकरी को बताया चिड़ियाघर, शिक्षक ने दिया इस्तीफा.. सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां प्रधानपाठक ज्ञानी सिंह ध्रुव ने सरकारी नौकरी को “चिड़ियाघर” करार देते हुए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि अब वह “नौकर” नहीं बल्कि “मालिक” माइंडसेट के साथ काम करना चाहते हैं। इस्तीफे के कुछ ही महीनों बाद उनकी जीवनशैली में बड़ा बदलाव दिखा, और अब वह BMW कार से घूम रहे हैं।

ज्ञानी ध्रुव ने सोशल मीडिया पर इस्तीफे से जुड़ी बातें साझा कीं, जिसमें उन्होंने 20 साल तक प्रधानपाठक रहते जीवन में खास बदलाव न आने की बात कही। उनके इस कदम और अचानक हुई संपन्नता ने शिक्षा विभाग और सरकारी तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

त्यागपत्र में लिखी गईं चौंकाने वाली बातें

ज्ञानी ध्रुव ने बीईओ को सौंपे अपने त्यागपत्र में लिखा कि 2005 से शासकीय शिक्षक के रूप में पूरी ईमानदारी से सेवा दी, लेकिन सरकारी नौकरी में “नौकर” की मानसिकता के साथ जीवन बिताना पड़ा। उन्होंने लिखा, “मैं चिड़ियाघर में रहकर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी नहीं बदल सकता। अब मैं मालिक माइंडसेट के साथ जीना चाहता हूं।”

BMW और विदेश यात्राओं पर उठे सवाल

ज्ञानी ध्रुव के इस्तीफे के बाद उनके BMW कार में घूमने और पहले की गई विदेश यात्राओं पर सवाल उठ रहे हैं। प्रधानपाठक रहते हुए उन्होंने किनकी अनुमति से विदेश यात्रा की, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

ज्ञानी ध्रुव की पत्नी भी प्रधानपाठक

ज्ञानी ध्रुव की पत्नी प्रभा ध्रुव लोरमी के एक स्कूल में प्रधानपाठक के पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही, वह एक फिटनेस कोच भी हैं।

गुरु के नक्शे कदम पर चले ज्ञानी ध्रुव

बताया जा रहा है कि रायगढ़ के शिक्षक शशि कुमार बैरागी, जो अब नेटवर्क मार्केटिंग में हैं, ज्ञानी ध्रुव के प्रेरणास्त्रोत हैं। बैरागी के पदचिह्नों पर चलते हुए ध्रुव ने भी शिक्षक पद से इस्तीफा देकर नेटवर्क मार्केटिंग को अपनाया।

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