रायपुर, 28 अक्टूबर 2025 – 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर भारत का 26वां राज्य बना छत्तीसगढ़ आज 25 साल का हो चुका है। रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा यह राज्योत्सव प्रगति, संस्कृति और विकास का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 नवंबर को नवा रायपुर में 5 दिवसीय भव्य आयोजन का शुभारंभ करेंगे। आइए जानें छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों की ये 25 अनसुनी-बेहद खास बातें:
- प्राचीन नाम दक्षिण कोसल: छत्तीसगढ़ का पौराणिक नाम ‘दक्षिण कोसल’ है, जो भगवान राम की माता कौशल्या के नाम पर पड़ा। यह रामायण काल से जुड़ा क्षेत्र है।
- नाम की उत्पत्ति: ‘छत्तीसगढ़’ संस्कृत शब्दों से बना – ‘छत्तीस’ (36) और ‘गढ़’ (किला), जो 36 किलों वाले क्षेत्र को दर्शाता है।
- राज्य निर्माण की मांग: 1924 से शुरू हुई अलग राज्य की मांग 1965 में शंखनाद के साथ आंदोलन बनी, जो 2000 तक चली।
- 1 नवंबर 2000: इसी दिन मध्य प्रदेश से विभाजित होकर छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया, देश का 26वां राज्य।
- धान का कटोरा: विश्व में 8वें स्थान पर चावल उत्पादन, ‘धान का कटोरा’ के नाम से प्रसिद्ध।
- जंगल राज: 44% क्षेत्र वनाच्छादित, भारत का सबसे हरा-भरा राज्य।
- आदिवासी बहुल: 32% जनसंख्या आदिवासी, 42 जनजातियां जैसे गोंड, बैगा, हल्बा।
- बस्तर दशहरा: दुनिया का सबसे लंबा दशहरा, 75 दिनों का, यूनेस्को की अमूर्त धरोहर सूची में।
- राजिम कुंभ: तीन नदियों के संगम पर लगने वाला कुंभ मेला, लाखों श्रद्धालु।
- सिरपुर: 7वीं शताब्दी का बौद्ध स्थल, ‘श्रीपुर’ के नाम से जाना जाता था।
- भोरमदेव मंदिर: 11वीं शताब्दी का खजुराहो जैसा कामुक मंदिर।
- रायपुर की स्थापना: 14वीं शताब्दी में कलचुरी राजा ब्रह्मदेव द्वारा।
- 33 जिले: राज्य में कुल 33 जिले, नवीनतम 2023 में बनाए गए।
- पहला मुख्यमंत्री: अजित जोगी (कांग्रेस), 2000-2003 तक।
- सबसे लंबे शासन: रमन सिंह (बीजेपी), 2003-2018 तक 15 वर्ष।
- वर्तमान सीएम: विष्णुदेव साय (बीजेपी), 2023 से।
- राजनीतिक उतार-चढ़ाव: 25 वर्षों में 3 बार सरकार बदली, 2023 में बीजेपी की वापसी।
- नई विधानसभा भवन: 52 एकड़ में 324 करोड़ की लागत, 1 नवंबर को उद्घाटन।
- आदिवासी संग्रहालय: नवा रायपुर में डिजिटल VR तकनीक से जननायकों की गाथा।
- पर्यटन विकास: सिरपुर, बारसूर, रतनपुर जैसे स्थलों को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा।
- लोक नृत्य: राउत नाचा, पंथी, सुवा, करमा – यूनेस्को मान्यता प्राप्त।
- हस्तशिल्प: बस्तर की घंटी, तेंदू पत्ता चित्रकला, बांस वस्तुएं।
- खनिज संपदा: लौह अयस्क, कोयला, हीरा (पन्ना) का भंडार।
- रजत जयंती उत्सव: पूरे वर्ष कार्यक्रम, 5 दिवसीय मुख्य आयोजन 1-5 नवंबर।
- भविष्य विजन: विकसित छत्तीसगढ़ लक्ष्य, डिजिटल और पर्यटन केंद्र के रूप में उभरना।
ये तथ्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध विरासत और उज्ज्वल भविष्य को दर्शाते हैं। राज्योत्सव पर सभी को बधाई! जय जोहार छत्तीसगढ़!