रायपुर: छत्तीसगढ़ ने रोजगार सृजन में देश भर में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में जारी की गई Periodic Labour Force Survey (PLFS) की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य ने देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में पांचवां स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि राज्य में चल रहे रोजगार सृजन और विकास प्रयासों के परिणामस्वरूप आई है। छत्तीसगढ़ ने अब उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है, जिससे राज्य की रोजगार नीतियों की सफलता का पता चलता है।
PLFS सर्वेक्षण और बेरोजगारी के आंकड़े
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) द्वारा PLFS के लिए नमूना सर्वेक्षण और डेटा संग्रह किया गया है, जो कि भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इस रिपोर्ट ने छत्तीसगढ़ की प्रगति को रेखांकित किया है, जो राज्य की सरकार की सुदृढ़ नीतियों और योजनाओं का परिणाम है।
अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ ने देश में रोजगार सृजन के मामले में सराहनीय प्रगति की है। इस रिपोर्ट में कई राज्यों की बेरोजगारी दरों का खुलासा किया गया है। केरल में बेरोजगारी दर सबसे अधिक दर्ज की गई, जहां युवाओं (15-29 वर्ष की आयु) में यह दर 29.9% रही। महिलाओं में यह दर 47.1% और पुरुषों में 19.3% थी। इसके अलावा, लक्षद्वीप में बेरोजगारी दर 36.2% और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 33.6% दर्ज की गई। इसके विपरीत, छत्तीसगढ़ ने बेरोजगारी दर के मामले में देश में पांचवें स्थान पर अपनी जगह बनाई है, जो राज्य सरकार की रोजगार नीतियों की सफलता का प्रतीक है।
सरकार के रोजगार सृजन प्रयास
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने बेरोजगारी को कम करने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने पुलिस, स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई), और पंचायत विभागों में 1,068 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है। यह भर्तियां राज्य में सरकारी नौकरियों के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ राज्य की योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने में भी मददगार साबित होंगी।
मुख्यमंत्री साय ने राज्य के विकास और युवाओं के सपनों को नई उड़ान देने के उद्देश्य से इस पहल को महत्वपूर्ण बताया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने पर जोर दिया है। राज्य सरकार ने स्वरोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिससे गांवों के युवाओं को अपने क्षेत्र में ही रोजगार प्राप्त हो सके और उन्हें महानगरों की ओर पलायन न करना पड़े।
‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को बढ़ावा
छत्तीसगढ़ राज्य, जो पहले से ही अपने प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, अब रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी अग्रणी बनता जा रहा है। राज्य सरकार के प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को भी साकार कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के हर कोने में विकास और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लक्ष्य को छत्तीसगढ़ सरकार तेजी से आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश के प्रत्येक गांव में रोजगार सृजन की योजनाओं का विस्तार करने का संकल्प लिया है, ताकि राज्य का हर युवा आत्मनिर्भर बन सके और छत्तीसगढ़ का विकास तेज गति से हो सके।