रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने माल और सेवा कर अधिनियम में संशोधन करते हुए हाई-स्पीड डीजल (HSD) पर वैट को 23% से घटाकर 17% कर दिया है। नए साल से लागू इस फैसले से प्रदेश के बड़े कारोबारियों को राहत मिलेगी और सरकार को राजस्व बढ़ने की उम्मीद है।
राज्य को क्यों उठाना पड़ा यह कदम?
छत्तीसगढ़ में पहले HSD पर 23% वैट था, जबकि पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और गुजरात में क्रमशः 17% और 14% वैट लागू था। इस वजह से प्रदेश के कारोबारी अन्य राज्यों से डीजल खरीद रहे थे।
- इससे राज्य को सालाना लगभग 350 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था।
- अब टैक्स दर घटाने से राज्य के कारोबारियों को प्रति लीटर 6 रुपये की बचत होगी।
किन्हें मिलेगा लाभ?
यह सुविधा उन कारोबारियों को मिलेगी जो बल्क में डीजल खरीदते हैं, जैसे:
- सड़क परिवहन
- रेलवे
- निर्माण क्षेत्र
- विस्फोटक लाइसेंसधारी कारोबारी
इन कारोबारियों को न्यूनतम 12 लीटर डीजल खरीदने की आवश्यकता होगी।
सस्ते डीजल की शर्तें और स्रोत
- बल्क में डीजल खरीदने वाले कारोबारी केवल सरकारी तेल कंपनियों, नयारा एनर्जी, और रिलायंस पंपों से डीजल खरीद सकते हैं।
- डीजल खरीदने से पहले स्थानीय वाणिज्यिक कर अधिकारी से स्वीकृति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा।
राजस्व बढ़ने की संभावना
नई व्यवस्था के तहत राज्य में बाहर से डीजल लाने पर रोक लगेगी, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं होगा। जीएसटी विभाग के अनुसार, पहले लगभग 1.5 लाख लीटर डीजल अन्य राज्यों से खरीदा जाता था।
अधिसूचना जारी
इस संशोधन के लिए विधानसभा में विधेयक पारित किया गया और अधिसूचना जारी कर दी गई है।






