Raipur : छत्तीसगढ़ में लंबित भुगतान और अन्य मांगों को लेकर राइस मिलर्स ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। कैबिनेट की बैठक में धान कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि को 80 रुपए प्रति क्विंटल करने और खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में लंबित प्रोत्साहन राशि की पहली किश्त देने का फैसला किया गया। इसके बावजूद राइस मिलर्स ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
सरकार पर वादा पूरा न करने का आरोप
राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। केवल 20 रुपए की प्रोत्साहन राशि बढ़ाई गई है, जबकि अन्य मांगें अनसुनी रह गईं। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से मिलर्स असंतुष्ट हैं।
आगे की रणनीति पर होगी चर्चा
राइस मिलर्स एसोसिएशन ने कल एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें हड़ताल को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। एसोसिएशन का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे।
कैबिनेट के फैसले
- प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 80 रुपए प्रति क्विंटल करना।
- खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की लंबित प्रोत्साहन राशि की पहली किश्त जारी करना।