छत्तीसगढ़ में अब 24×7 खुल सकेंगी दुकानें, व्यापारियों में खुशी लेकिन विरोध भी शुरू

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे दुकानदारों और कर्मचारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ दुकान और स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और नियम 2021 को पूरे राज्य में लागू कर दिया है। इसके तहत अब प्रदेशभर में दुकानें सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे खुली रह सकेंगी। सरकार के इस फैसले से व्यापारिक समुदाय में उत्साह है, लेकिन राजनीतिक विरोध भी शुरू हो गया है।

व्यापारिक विकास को मिलेगी रफ्तार – श्रम मंत्री देवांगन

श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि इस नए अधिनियम से छोटे और मध्यम व्यापारियों को बड़ा फायदा होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पहले यह नियम केवल नगरीय निकाय क्षेत्रों तक सीमित था, लेकिन अब पूरे राज्य में लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से छत्तीसगढ़ के शहर और जिले मेट्रो सिटी के रूप में विकसित होंगे और विकास को और गति मिलेगी।

व्यापारियों में उत्साह, चैंबर ऑफ कॉमर्स ने किया स्वागत

चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह जग्गी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे व्यापार और राजस्व में वृद्धि होगी। वहीं, रेस्टोरेंट एंड कैफे एसोसिएशन के महासचिव निक्की दत्ता ने बताया कि रायपुर की लेट नाइट कल्चर को सपोर्ट करने के लिए यह कदम जरूरी था। अब कानूनी रूप से इस फैसले का लाभ व्यापारियों को मिलेगा।

होटल-बार एसोसिएशन ने आबकारी अनुमति की मांग उठाई

होटल-रेस्टोरेंट बार एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य जस्सी खनूजा ने इस निर्णय को अच्छा कदम बताया लेकिन आबकारी विभाग से जुड़े व्यवसायों को भी इस छूट में शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि शराब की दुकानों और बार को भी 24 घंटे खुलने की अनुमति मिले, तो रोजगार और राजस्व दोनों में इजाफा होगा।

सुरक्षा को लेकर आम जनता की चिंता

जहां व्यापारिक संगठनों ने इस फैसले को व्यापार के लिए लाभदायक बताया, वहीं आम जनता की चिंता सुरक्षा को लेकर है। लोगों का कहना है कि 24 घंटे दुकानें खुलने से क्राइम बढ़ सकता है। युवा खासकर इसको लेकर चिंतित हैं और सरकार को सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत होगी।

सरकार के फैसले का कांग्रेस ने किया विरोध

कांग्रेस नेता और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने इस निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे देर रात शराब की उपलब्धता बढ़ेगी और अपराध में इजाफा होगा। उन्होंने दावा किया कि यह नीति श्रम अधिनियम का उल्लंघन करेगी और श्रमिकों का शोषण बढ़ेगा। कांग्रेस ने सरकार से इस अधिनियम को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

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