रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की खरीदी पर दी जाने वाली सब्सिडी में बड़ा बदलाव किया है। राज्य की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी के तहत पहले जहां अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाती थी, वहीं अब इसे घटाकर अधिकतम 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही 20 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले ई-वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
परिवहन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अब किसी भी हाईब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन को सब्सिडी नहीं मिलेगी। पहले इन वाहनों को पूर्णत: इलेक्ट्रिक वाहनों के मुकाबले 50% तक की प्रोत्साहन राशि मिलती थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है। यह अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से प्रभावशील हो गई है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 2022 में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की गई थी, जिसके चलते राज्य में ई-वाहनों की बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। इसका असर सरकार के सब्सिडी बजट पर भी पड़ा और आर्थिक बोझ बढ़ता गया। अधिकारियों के मुताबिक, सब्सिडी में की गई कटौती से अब इस बोझ में राहत मिलेगी।
85 करोड़ रुपये की सब्सिडी अब भी लंबित
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2022 में पंजीकृत हुए इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों के खरीदारों को अब तक करीब 85 करोड़ रुपये की सब्सिडी का भुगतान लंबित है। करीब 80 हजार ई-वाहन खरीदारों को यह राशि दी जानी है। फिलहाल राज्य सरकार ने पहली किस्त के रूप में 30 करोड़ रुपये जारी किए हैं। अब तक कुल 80 करोड़ रुपये की सब्सिडी का भुगतान किया जा चुका है।
छोटे ई-वाहन खरीदारों पर नहीं पड़ेगा असर
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सब्सिडी में की गई इस कटौती से ई-रिक्शा या दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदार प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि इनकी कीमत आमतौर पर 10 लाख रुपये से कम होती है। ऐसे में इन्हें अभी भी 10 प्रतिशत या अधिकतम 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलती रहेगी। केवल महंगे और हाईब्रिड वाहनों के खरीदारों को इसका प्रभाव झेलना पड़ेगा।