बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अब कानूनी पचड़े में फंस गई है। छत्तीसगढ़ विद्यालयीन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार तिवारी सहित प्रदेशभर के 34 शिक्षकों ने इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में शिक्षकों ने काउंसिलिंग में नियमों के उल्लंघन और पदों की समाप्ति को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने पहली बार 2 अगस्त 2024 को युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया था, लेकिन भारी विरोध के चलते उसे लागू नहीं किया गया। इसके बाद 25 अप्रैल 2025 को फिर से नया आदेश जारी किया गया, जिसमें कई खामियों की ओर संकेत किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि नए आदेश के तहत प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है, जिससे प्राइमरी के प्रधान पाठक को सहायक शिक्षक और मिडिल स्कूल के हेड मास्टर को फिर से सामान्य शिक्षक बना दिया जाएगा। इससे पदों का हनन हो रहा है और शिक्षकों के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।
शिक्षकों ने तर्क दिया है कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शिक्षक व प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती और पदोन्नति नियम 2019 के तहत पदोन्नति का स्पष्ट प्रावधान है, जिसे संशोधित किए बिना ही यह प्रक्रिया चलाई जा रही है। इतना ही नहीं, अपील का अवसर भी नहीं दिया जा रहा है, जो पूरी प्रक्रिया को गैरकानूनी बनाता है।