नवरात्रि का पावन पर्व नजदीक आ रहा है, और इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के प्रमुख मंदिरों में शुद्ध देवभोग घी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष आदेश जारी किए हैं। यह निर्णय छत्तीसगढ़ पशुधन विकास विभाग द्वारा लिया गया है, जिसके तहत नवरात्रि के दौरान ज्योति प्रज्ज्वलन और प्रसाद निर्माण में राज्य के पशुपालकों से प्राप्त दूध से निर्मित शुद्ध देवभोग घी का उपयोग अनिवार्य किया गया है।
देवभोग घी की शुद्धता सुनिश्चित
आदेश के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित (Devmilk) को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह राज्य के दुग्ध उत्पादकों से प्राप्त दूध से निर्मित शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाला देवभोग घी उपलब्ध कराए। महासंघ प्रतिदिन लगभग 30,000 से अधिक पशुपालक परिवारों से दुग्ध संकलन करता है और इसे FSSAI मानकों के अनुरूप दूध और दुग्ध पदार्थों में परिवर्तित करता है।
विशेष रूप से, नवरात्रि के दौरान राज्य के शक्तिपीठों जैसे कि मां बम्लेश्वरी, पाताल भैरवी, और अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में होने वाले पूजा-पाठ और प्रसाद निर्माण के लिए देवभोग घी का उपयोग अनिवार्य किया गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि ज्योति प्रज्ज्वलन और प्रसाद निर्माण के दौरान श्रद्धालुओं को शुद्धता और धार्मिक महत्व का अनुभव हो।
घी की आपूर्ति और मूल्य निर्धारण
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ द्वारा उत्पादित देवभोग घी का वितरण विभिन्न मंदिरों और शक्तिपीठों तक पहुँचाने के लिए भी व्यवस्था की गई है। घी की आपूर्ति के लिए 16 किलोग्राम शुद्ध मात्रा के जार का मूल्य 9,030 रुपये (12% GST सहित) तय किया गया है। संबंधित संस्थान और मंदिर प्रबंधक अपनी घी की आवश्यकता के अनुसार प्रबंधक (विपणन) को मोबाइल नंबर 9826140749 पर संपर्क कर सकते हैं और क्रय आदेश प्रेषित कर सकते हैं।