छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर सख्ती: साय सरकार ला रही नया कानून

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर साय सरकार जल्द ही एक नया और सख्त कानून लाने की तैयारी में है। इस कानून के तहत जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नए छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य कानून में उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान होगा। इसके तहत कानून से बाहर जाकर किए गए धर्म परिवर्तन को मान्यता नहीं दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश का कानून बनेगा मॉडल
गृह विभाग अन्य राज्यों में लागू धर्मांतरण कानूनों का अध्ययन कर रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश का धर्म स्वातंत्र्य कानून सबसे प्रभावी है और इसका बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ के कानून में शामिल किया जाएगा। इसके तहत सजा की प्रक्रिया को सख्त बनाया जाएगा और नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण पर विवाद
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल क्षेत्रों, खासकर बस्तर, जशपुर और रायगढ़ में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है। बस्तर के नारायणपुर क्षेत्र में यह विवाद गुटीय संघर्ष का रूप ले चुका है। यहां धर्मांतरण के कारण आदिवासी समुदायों में तनाव और विवाद की स्थिति बनी रहती है।

धर्मांतरण के दबाव से आत्महत्या की घटनाएं
हाल ही में धर्मांतरण के दबाव के चलते दुर्ग और धमतरी में दो युवकों ने आत्महत्या कर ली। इन मामलों में युवकों के परिवारों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया था, जिससे वे मानसिक तनाव में आ गए थे।

बस्तर में सर्वाधिक शिकायतें
धर्मांतरण के खिलाफ पिछले 11 महीनों में राज्य में 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से अधिकांश शिकायतें बस्तर संभाग से आई हैं। पुलिस को अब तक बस्तर क्षेत्र में धर्मांतरण से संबंधित 23 शिकायतें मिली हैं।

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बयान
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “धर्मांतरण, मतांतरण और बाद में राष्ट्रांतरण का रूप लेता है। हिंदू जब-जब बंटे, तब मुगलों और अंग्रेजों ने शासन किया। इस पर सख्त कानून की आवश्यकता है। धर्म विरासत से मिलता है, यह अर्जित नहीं किया जा सकता।”

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