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छत्तीसगढ़ में शिक्षा का बड़ा बदलाव: 2025 से बदलेंगी इन कक्षाओं की किताबें

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को नया स्वरूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से राज्य में कक्षा चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं की पाठ्यपुस्तकों में व्यापक बदलाव किया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है, और वर्ष 2025 के अंत तक नई पुस्तकों को अंतिम रूप देकर प्रकाशन के लिए पाठ्यपुस्तक निगम को सौंपा जाएगा।

एनसीईआरटी आधारित पाठ्यक्रम, स्थानीय रंग के साथ
नई किताबें एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार की जा रही हैं। इसमें छत्तीसगढ़ के स्थानीय संदर्भों को ध्यान में रखते हुए 10 से 20 प्रतिशत तक का संशोधन किया जाएगा, ताकि छात्रों को स्थानीय इतिहास, संस्कृति और जीवन से जुड़ी जानकारी भी मिल सके।

पहली से तीसरी और छठवीं की किताबें पहले ही बदली जा चुकीं
उल्लेखनीय है कि राज्य में पहले ही कक्षा 1 से 3 और 6 की किताबों में बदलाव किया जा चुका है। इन पुस्तकों में एनसीईआरटी की सामग्री के साथ-साथ मातृभाषा आधारित अध्ययन सामग्री को भी जोड़ा गया है, ताकि छोटे बच्चों को विषयों की समझ बेहतर ढंग से हो सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बदलाव
यह पूरा बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसमें सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यवहारिक शिक्षा और परिणाम आधारित शिक्षा प्रणाली पर जोर दिया गया है। अब केवल प्रमाण पत्र देना ही नहीं, बल्कि छात्र वास्तव में क्या सीख रहे हैं—इस पर खास ध्यान दिया जाएगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स भी होंगे पाठ्यक्रम का हिस्सा
राज्य सरकार छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स जैसे आधुनिक विषयों को स्कूली शिक्षा में शामिल करने की योजना पर काम हो रहा है। हालांकि, इन्हें किन कक्षाओं में जोड़ा जाएगा, यह अभी तय नहीं हुआ है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई है, जो पाठ्यक्रम और तकनीकी विषयों के समावेश पर कार्य कर रही है।

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