Raipur : छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध बिक्री पर नियंत्रण लगाने के लिए राज्य सरकार ने नए सुरक्षात्मक फीचर्स वाले होलोग्राम लगाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नासिक स्थित भारत सरकार के उपक्रम, भारत प्रतिभूति मुद्रणालय से ये होलोग्राम खरीदे जाएंगे। यह कदम 2200 करोड़ रुपए के आबकारी घोटाले में सामने आए होलोग्राम घोटाले के बाद उठाया गया है।
होलोग्राम घोटाला और उसकी गहन जांच
2019 से 2022 तक सरकारी दुकानों से नकली होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। इस घोटाले में नोएडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी की भूमिका सामने आई, जो नकली होलोग्राम बनाकर सीधे डिस्टलरी में सप्लाई करती थी। इन नकली होलोग्राम वाले शराब की बोतलें सीधे दुकानों तक पहुंचती थीं और बिक्री का पैसा सीधे सिंडिकेट के पास जाता था।
ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) के अनुसार, इस सिंडिकेट में आबकारी विभाग के कई अधिकारी, उपायुक्त, जिला अधिकारी, और हवलदार शामिल थे। घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर के फार्म हाउस से जमीन खोदकर बड़ी संख्या में नकली होलोग्राम जब्त किए गए थे।
इस मामले में अब तक प्रिज्म कंपनी के मैनेजर दिलीप पांडे, कर्मचारी अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, और दीपक दुआरी को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो वर्तमान में रायपुर जेल में बंद हैं।