रायपुर एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन द्वारा रायपुर स्थित वृंदावन सभागृह में छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस का आयोजन किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ी के वरिष्ठ साहित्यकार, विद्वतजन और भाषा प्रेमी शामिल हुए।
वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामेश्वर वैष्णव ने छत्तीसगढ़ी भाषा उपर प्रकाश डालते हुए कहा कि पांच वर्ष में सरकार ने राजभाषा आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त रखा इसके कारण साहित्यकारो में गहरा रोष व्यक्त किया इसी कड़ी में दुर्ग के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशी राम वर्मा ने छत्तीसगढ़ी की वर्तमान दशा और दिशा के बारे में कहा और सरकार से आव्हान किया कि छत्तीसगढ़ी को शिक्षा और सरकारी कार्य में लाकर सरकार को छत्तीसगढ़ी को पूर्ण राजभाषा बनाना चाहिए साथ सरकार जिस पार्टी कि हो छत्तीसगढ़ी भाषा संस्कृति को अपनाना ही होगा।छंद के छः के संस्थापक श्री अरूण निगम ने छत्तीसगढ़ी भाषा के मानकीकरण उपर बात कही साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं को एकत्रित कर भाषा का जल्द ही मानक रूप तैयार करना चाही ताकि लेखन में किसी भी प्रकार से असुविधा न हो।
छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के सचिव आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी के संबंध में किए जा रहे कार्य के बारे में बताया साथ ही छत्तीसगढ़ी भाषा के साहित्यिक पहलुओं पर प्रकाश डाला ।
महिला साहित्यकार श्रीमती शरला शर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा के पठन -पाठन के विषय में अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि शिक्षा में छत्तीसगढ़ी स्थापित होने से एम. ए. छत्तीसगढ़ी जो बेरोजगार भटक रहे हैं उनके लिए एक रोजगार का सुनहरा अवसर खुल जाएगा ।
बिलासपुर से पधारे साहित्यकार श्रीमती रश्मि रामेश्वर गुप्ता ने अपने छत्तीसगढ़ी सुमधुर गीतों के साथ कार्यक्रम में समां बांधा और शिक्षा, रोजगार से छत्तीसगढ़ी को जोड़ने की वकालत सरकार से की।
कार्यक्रम के शुभारंभ में एम. ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने छत्तीसगढ़ी भाषा के उपर भूमिका बांधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस छत्तीसगढ़ वासियों का एक त्योहार है क्योंकि इसी दिवस प्रदेश के चिन्हारी छत्तीसगढ़ी भाषा को वर्ष 2007 में राजभाषा का संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया,इसी कड़ी में एम. ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन यह दिवस को एक जलसा के रूप में मनाते हैं। एम ए छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन ने आज एक प्रस्ताव पारित किया कोई भी सरकार आये भाषा को स्थापित करने के लिए पूरी दम खम लगा देंगे और अपूर्ण राजभाषा को पूर्ण राजभाषा का दर्जा जरूर दिलवायेगे बिना छत्तीसगढ़ी भाषा संस्कृति के कोई सरकार अब छत्तीसगढ़ मे नहीं चल सकती क्योंकि भाषा ही राज्य कि पहचान है।
आज के उक्त आयोजन में रायपुर से वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामेश्वर शर्मा,चोवाराम वर्मा,मिनेश साहू, शशांक करे, राजकुमार यादव, इश्वर साहू बंधी, परमेश्वर टंडन व एम. ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के सदस्य संजीव साहू,अजय पटेल,विनय बघेल, खेमराज साहू, जिनेन्द्र यादव,खिलेन्द्र यादव,लोकेश सेन, सत्यप्रकाश साहू, कमलेश साहू, ताकेश्वर साहू, लक्की शर्मा, आशीष तिवारी, अंकित, गीतांजलि साहू, यामिनी ,आदिती गुप्ता, प्रीति धुरंधर, पूजा परगनिया नेहा धीवर, दीपमाला शर्मा, पिलेश्वरी साहू आदि शामिल थे व कार्यक्रम संचालन ताकेश्वर साहू और आभार व्यक्त संजीव साहू द्वारा किया गया।