बस्तर बना मानसून ट्रैकिंग हॉटस्पॉट, झरनों-घाटियों में रोमांच और हरियाली का संगम

रायपुर। मानसून की दस्तक के साथ ही छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य के सबसे मनमोहक रूप में नजर आने लगा है। हरियाली से ढके पहाड़, कलकल बहते झरने और रहस्यमयी जंगल इस मौसम में पर्यटकों को सम्मोहित कर लेते हैं। इस अनुभव को और रोमांचक बनाने के लिए जिला प्रशासन और “अनएक्सप्लोर्ड बस्तर” मिलकर “मानसून ट्रैक” थीम पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

क्या है मानसून ट्रैक कार्यक्रम?

यह एक विशेष पहल है जिसके तहत बस्तर के प्रमुख प्राकृतिक स्थलों पर ट्रैकिंग, बोटिंग, फोटोग्राफी, बोनफायर, ट्राइबल फूड और लोककथाएं जैसे अनुभव पर्यटकों को कराए जाएंगे। ट्रैकिंग के लिए प्रशिक्षित स्थानीय गाइडों की सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। इस पहल का उद्देश्य है कि पर्यटक सुरक्षित, रोमांचक और प्रकृति से जुड़ा अनुभव ले सकें।

मानसून ट्रैक के प्रमुख रूट्स और अनुभव:

  1. चित्रकोट सर्किट (2 किमी):
    दंडामी रिसॉर्ट से करबहार (मिनी गोवा) तक ट्रैक, बोटिंग, झरने और शिवलिंग दर्शन।
  2. मेंदरीघूमर – इंद्रावती नदी (3 किमी):
    नदी पार करने का रोमांच, घने जंगलों में सैर।
  3. मेंदरी – तामड़ाघूमर (7 किमी):
    150 फीट डाउनवर्ड ट्रैकिंग, मगरमच्छ साइटिंग, बर्ड वॉचिंग, प्राकृतिक स्विमिंग स्पॉट।
  4. तीरथा – बीजाकसा (2.5 किमी):
    बोटिंग, बोनफायर, जनजातीय व्यंजन और पौराणिक कथाओं का अनुभव।
  5. बीजाकसा – मेंदरी (8 किमी):
    झरनों और घाटियों के दृश्य, वन्य जीवन की झलक।
  6. मिचनार हिल्स व कांगेर घाटी नेशनल पार्क:
    टॉपर वॉटरफॉल, मड़वा फॉल और शिवगंगा ट्रैक के साथ बर्ड वॉचिंग।
  7. कैलाश गुफा – गुड़िया पदर (4 किमी):
    कैलाश झील तक जंगल ट्रैकिंग।
  8. तीरथगढ़ – रानीदरहा वॉटरफॉल (3 किमी):
    गहराते जंगलों और वन्यजीवों के बीच ट्रैकिंग।
  9. मालकेव ट्रैक (8 किमी):
    मादरकोंटा से तीरथगढ़ तक जंगल की अनोखी सैर।
  10. माचकोट और तिरिया क्षेत्र:
    झीलों और झरनों की शांति और घने जंगलों की गोद में अनुभव।

कैसे पहुंचें बस्तर?

  • रेल सेवा: विशाखापट्टनम से जगदलपुर के लिए दैनिक ट्रेन सेवा।
  • वायु सेवा: हैदराबाद से प्रतिदिन, दिल्ली से सप्ताह में दो बार उड़ानें उपलब्ध।
  • सड़क मार्ग: रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, हैदराबाद और विशाखापट्टनम से नियमित बस सेवा

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