बालोद: अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर, जिला प्रशासन की सक्रियता और सजगता का एक प्रेरणादायक उदाहरण सामने आया है। जहाँ अर्जुंदा थाना क्षेत्र में जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन के नेतृत्व में गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक बाल विवाह को रोकने में सफलता हासिल की।
सूचना मिली, टीम बनी और कार्रवाई शुरू हुई:
जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन को गुण्डरदेही विकासखण्ड के एक ग्राम में होने वाले बाल विवाह की सूचना मिली। तत्काल, कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के निर्देशन में एक संयुक्त जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया। इस टीम ने त्वरित गति से उक्त ग्राम में पहुंचकर मामले का परीक्षण किया।
जांच में खुलासा:
जांच में पता चला कि ग्राम की वधु का विवाह 10 मई को अक्षय तृतीया के दिन जिला कबीरधाम के एक वर के साथ होना तय था। वर एवं वधु की अंकसूची में जन्म तिथि से संबंधित तथ्यों का परीक्षण करने पर यह भी सामने आया कि वर की उम्र अभी 21 वर्ष पूर्ण नहीं हुई है।
संवेदनशीलता और कानूनी जानकारी का प्रभाव:
जिला स्तरीय टीम ने इस मामले में अत्यंत संवेदनशीलता दिखाते हुए संबंधित परिवार को समझाइश दी और उन्हें बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों से अवगत कराया। साथ ही, जिला कार्यक्रम अधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग कबीरधाम को भी इस मामले की जानकारी दी और उनसे त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया।
बाल संरक्षण अधिकारी का मार्गदर्शन:
बाल संरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में टीम ने वर के परिजनों के साथ भी विस्तृत चर्चा की। उन्हें बाल विवाह के दुष्परिणामों और कानूनी सख्ती के बारे में जानकारी दी गई।
परिणाम: सकारात्मक बदलाव की शुरुआत:
इस सकारात्मक पहल और सख्ती का परिणाम यह हुआ कि दोनों पक्षों ने बाल विवाह न करने की सहमति व्यक्त की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वर की उम्र 21 वर्ष पूर्ण होने के बाद ही विवाह किया जाएगा।
जिला प्रशासन की निरंतर निगरानी:
यह घटना जिला प्रशासन की बाल विवाह रोकथाम की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के निर्देश पर जिला स्तरीय टीम जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए निरंतर निगरानी कर रही है।
बाल विवाह की सूचना कैसे दें:
यदि आपके क्षेत्र में भी बाल विवाह की सूचना मिलती है, तो आप तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या जिला बाल संरक्षण इकाई बालोद के दूरभाष क्रमांक 07749-223941 पर संपर्क कर सकते हैं।
बाल विवाह रोकें, बेटियों का भविष्य सँवारे!
यह घटना हमें प्रेरित करती है कि हम सब मिलकर बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए प्रयास करें। बालिकाओं को शिक्षा और आत्मनिर्भरता का अवसर देकर उनके उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें।