बलरामपुर। दिल दहला देने वाली घटना में पुलिस ने उस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने अपने बीमार बेटे के इलाज के नाम पर एक मासूम की बलि चढ़ा दी थी। करीब डेढ़ साल की गहन विवेचना और ग्रामीणों से मिले अहम सुरागों के आधार पर पुलिस ने आरोपी राजू कोरवा को गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ धारा 302, 201 और 363 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
घटना का खुलासा:
थाना सामरीपाठ क्षेत्र के ग्राम पारा सुलुंगडीह निवासी बिरेन्द्र नगेसिया ने 6 जून 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका 6 वर्षीय बेटा अजय नगेसिया 1 अप्रैल 2025 को जंगल में डेरा डाले दौरान अचानक गायब हो गया। अजय की मां ने बताया था कि वह कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। शिकायत के बाद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया।
तंत्र-मंत्र की आड़ में हत्या:
जांच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी राजू कोरवा ने मृतक के दादा और अन्य ग्रामीणों को यह कहकर बरगलाया था कि बच्चे को ढूंढने के लिए “बड़ा पूजा” करना पड़ेगा। शक के आधार पर जब पुलिस ने राजू से पूछताछ की, तो उसने पहले इसे नशे में कही बात बताकर टाल दिया।
लेकिन ग्रामीणों से मिले सुरागों के आधार पर जब दोबारा कड़ी पूछताछ हुई, तो राजू कोरवा ने सब कुछ स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि उसका बेटा बचपन से मिर्गी और मानसिक रोग से पीड़ित है और “महादानी देवता” को नरबलि देने से वह ठीक हो जाएगा, इस विश्वास में उसने इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया।
मासूम की नृशंस हत्या:
राजू ने अजय नगेसिया को अकेला देखकर उसे मिठाई और बिस्किट का लालच दिया, फिर गोद में उठाकर अपने घर ले गया और उसकी बलि चढ़ा दी। हत्या के बाद उसने लड़के के शरीर को बोरे में डालकर नाले के पास जला दिया, जबकि सिर को 3 दिन घर में छिपाकर रखने के बाद पास ही नाले के पास दफना दिया।
शव का उत्खनन और सबूत बरामद:
पुलिस ने तहसीलदार की उपस्थिति में उत्खनन कराया, जहाँ खोपड़ी के अवशेष बरामद हुए। आरोपी के घर से हत्या में प्रयुक्त लोहे की छुरी भी जब्त की गई।
पुलिस की टीम का सराहनीय कार्य:
इस संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण मामले को सुलझाने में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह और उनकी टीम – सउनि आनन्द मसीह तिर्की, प्रआर संजय साहू, आरक्षक आदित्य कुजुर, संतोष यादव, अमित लकड़ा और ओमकार रजक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह घटना न केवल इंसानियत को झकझोर देने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अंधविश्वास किस हद तक किसी को हैवान बना सकता है। पुलिस की सतर्कता से यह मामला सुलझ पाया और आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया।