रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ का पहला पारंपरिक त्यौहार हरेली पूरे उत्साह के साथ मनाया। मुख्यमंत्री ने अपनी धर्मपत्नी कौशल्या साय और परिजनों के साथ विधिवत रूप से तुलसी माता, नांगर, कृषि उपकरणों और गेड़ी की पूजा की। उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और किसानों की अच्छी फसल के लिए कामना की।
इस अवसर पर राउत नाचा के कलाकारों के विशेष आग्रह पर मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक वेशभूषा धारण की, जिससे महोत्सव में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। मुख्यमंत्री ने मंच से प्रदेशवासियों को हरेली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हरेली मुख्य रूप से किसानों का त्योहार है और छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है।
मुख्यमंत्री ने कृषि यांत्रिकीकरण सब मिशन योजना के तहत किसानों को सौगात देते हुए ट्रैक्टर भेंट किया। अनुसूचित जाति के किसानों को 40 और 50 प्रतिशत अनुदान के तहत ट्रैक्टर वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि वह सभी का आभार व्यक्त करते हैं और हरेली त्योहार की शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने महादेव की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने गौ माता की भी पूजा की और उनसे आशीर्वाद मांगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हरेली का त्योहार मुख्य रूप से किसानों का होता है। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है और यहां की 70 से 80% आबादी मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि चाहे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो, नरेंद्र मोदी जी की सरकार हो, राज्य में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में पंद्रह साल तक की सरकार हो या हमारी वर्तमान सरकार, हम हमेशा किसानों की चिंता करते हैं और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम करते हैं।
मुख्यमंत्री साय ने सभी छत्तीसगढ़वासियों और इस कार्यक्रम में आए लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने ईश्वर से सभी छत्तीसगढ़वासियों की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हरेली तिहार पर विधिवत शिव जी की पूजा अर्चना की गई। किसानों के कृषि यंत्रों की पूजा की गई और महादेव से प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना की गई। आज 23 ट्रैक्टर किसानों को प्रदान किए गए और एक किसान को हार्वेस्टर भी दिया गया है।
भोरमदेव दर्शन पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सावन का महीना है, और कल भोरमदेव जाएंगे। भगवान शिव की पूजा अर्चना करेंगे और कावड़ियों पर पुष्प वर्षा करेंगे।

