रायपुर। राजधानी रायपुर में दिव्यांगजनों के साथ हुए पुलिसिया व्यवहार को लेकर कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने सरकार और प्रशासन पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने इस कार्रवाई को “बर्बरता” करार देते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट और संविधान के निर्देशों का उल्लंघन है।
विधायक संगीता सिन्हा ने कहा,
“दिव्यांगजन अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा तक पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया। मुंगेली के एक दिव्यांग का हाथ टूट गया और उसके कपड़े भी फट गए, कई लोगों के मोबाइल फोन छीनकर तोड़ दिए गए।“
सदन में भी उठाया मुद्दा
कांग्रेस विधायक ने बताया कि उन्होंने इस गंभीर मामले को छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में भी उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि आखिर किसके आदेश पर पुलिस ने इस तरह की कार्रवाई की।
“यह संविधान का अपमान है”
संगीता सिन्हा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट रूप से कहता है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों पर पुलिस बल प्रयोग नहीं कर सकती, और इस घटना ने संवैधानिक मूल्यों को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने मांग की कि जिन अधिकारियों ने दिव्यांगजनों पर हाथ उठाया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सरकार को चेतावनी
उन्होंने सरकार से दिव्यांगजनों की 6 सूत्रीय मांगों को शीघ्र सुनने और उन्हें पूरा करने की अपील करते हुए कहा कि यदि जल्द सकारात्मक पहल नहीं की गई, तो आंदोलन को व्यापक समर्थन मिलेगा और सरकार को जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा।
मांगें जो बनीं संघर्ष का कारण:
- फर्जी प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी वालों की बर्खास्तगी
- दिव्यांग कोटे के रिक्त पदों पर विशेष भर्ती
- पेंशन ₹5000 प्रतिमाह
- बीपीएल की अनिवार्यता समाप्त करना
- अविवाहित दिव्यांग महिलाओं को महतारी वंदन योजना में शामिल करना
- पदोन्नति में 3% आरक्षण लागू करना