रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बुधवार को ईओडब्ल्यू (EOW) ने छठवां पूरक चालान पेश किया। इस चालान में भूपेश बघेल सरकार की शराब नीति (FL-10A/10B लाइसेंस प्रणाली) में किए गए बदलाव का उल्लेख किया गया है। इसके बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं और एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ रही हैं।
भूपेश कैबिनेट का फैसला और नई नीति
ईओडब्ल्यू की जांच रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2020 में भूपेश कैबिनेट ने नई लाइसेंस प्रणाली (FL-10A/10B) को मंजूरी दी थी। इसके आदेश 11 फरवरी 2020 को जारी किए गए और नई आबकारी नीति 1 अप्रैल 2020 से लागू की गई।
नीति में बदलाव का कारण दुकानों में शराब के कई ब्रांड्स की कमी को दूर करना बताया गया था। इसके लिए विदेशी शराब के सप्लाई और भंडारण के लिए FL-10A और FL-10B लाइसेंस शुरू किए गए।
प्रावधान के मुताबिक, लाइसेंसधारी कंपनियां अपनी शराब CSBCL (छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन) के गोदामों में रखकर वहीं से CSMCL (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन) को सप्लाई करेंगी। यदि शराब की बिक्री नहीं होती है तो CSBCL और CSMCL को पेनल्टी लगाने का अधिकार दिया गया।
रमन सिंह का वार – “खुलेआम किया गया डाका”
इस चालान पर पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा –
“भारत की राजनीति में इससे बड़ा अपराध कभी नहीं हुआ, जो छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले के रूप में हुआ है। राजनीति में बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन इस तरह खुलेआम भ्रष्टाचार करना हिम्मत का काम है। कांग्रेस ने सरकारी खजाने में डाका डालने का काम किया है।”
कांग्रेस का पलटवार – “भाजपा सरकार में भी हुआ भ्रष्टाचार”
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने ईओडब्ल्यू और ईडी पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा –
“हमारे नेताओं को जेल भेजकर भी तसल्ली नहीं हुई, अब नए-नए षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। भाजपा शासनकाल में 3 प्रतिशत कमीशन की जांच कौन करेगा? 32 हजार का जग 1 लाख में खरीदा गया, 1 लाख का टीवी 10 लाख में, बस्तर ओलंपिक में 1400 का ट्रैकसूट 2500 में खरीदा गया, 100 रुपए की चप्पल 1300 में खरीदी गई। इन घोटालों की जांच कौन करेगा? जांच एजेंसियां सिर्फ कांग्रेस को टारगेट क्यों करती हैं?”
क्या है FL-10 लाइसेंस?
FL-10 लाइसेंस (फॉरेन लिकर-10) राज्य सरकार द्वारा विदेशी शराब की खरीदी के लिए जारी किया गया था। इसके तहत कंपनियां शराब निर्माताओं से खरीदी कर सरकार को सप्लाई करती थीं।
- FL-10A लाइसेंस – देश के किसी भी राज्य के निर्माताओं से इंडियन मेड फॉरेन लिकर लेकर विभाग को सप्लाई करने का अधिकार।
- FL-10B लाइसेंस – छत्तीसगढ़ के निर्माताओं से विदेशी ब्रांड की शराब लेकर विभाग को बेचने का अधिकार।
हालांकि, भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन का काम कंपनियों ने खुद नहीं किया और यह जिम्मेदारी सीधे बेवरेज कॉर्पोरेशन को सौंप दी गई।