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साय सरकार के मंत्री बढ़ने पर सियासी घमासान: कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंची, भाजपा ने पोस्टर से किया पलटवार

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस समय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के हालिया फैसले से मंत्रियों की संख्या 11 से बढ़ाकर 14 कर दी गई है। इस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए पोस्टर जारी किया और सवाल उठाया कि आखिर कांग्रेस किस समाज के मंत्री को हटाना चाहती है।

जाति समीकरण पर भाजपा का जोर

भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार में जाति और समाज का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है। नए मंत्रियों में अंबिकापुर के सांसद राजेश अग्रवाल वैश्य समाज से हैं, दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव यादव समाज से आते हैं और गुरु खुशवंत साहेब सतनामी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस की याचिका इन समुदायों का अपमान है।

पोस्टर के जरिए भाजपा ने कांग्रेस से सीधे सवाल किया – “कांग्रेस बताए कि आखिर किस समाज के मंत्री को हटाना चाहती है?”

कांग्रेस का तर्क – संवैधानिक सीमा का उल्लंघन

दूसरी ओर, कांग्रेस का कहना है कि मंत्रियों की संख्या संविधान की सीमा से अधिक हो गई है। कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि विधानसभा में कुल सीटों का 15% से ज्यादा मंत्री नहीं हो सकते।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। इस हिसाब से मंत्रियों की अधिकतम संख्या 13.50 यानी 13 होनी चाहिए। लेकिन 20 अगस्त को हुए विस्तार के बाद कैबिनेट में 14 सदस्य हो गए हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 164 (1 क) का उल्लंघन है।

सोमवार को होगी सुनवाई

कांग्रेस की इस याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। याचिका दायर करने से पहले भी कांग्रेस ने मंत्रिमंडल विस्तार पर आपत्ति जताई थी और इसे संविधान के खिलाफ बताया था।

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