मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में कांग्रेस की ओर से आयोजित ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ अभियान रैली विवादों में घिर गई है। जहां एक ओर इसे कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन बताया जा रहा था, वहीं अब सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वीडियो में कुछ महिलाएं कैमरे पर दावा करती दिख रही हैं कि रैली में शामिल होने के लिए उन्हें 100 से 200 रुपये दिए गए। कुछ ने यह भी कहा कि 300 रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन रैली खत्म होने पर सिर्फ 100 रुपये ही थमाए गए।
कैमरे पर बयान, सोशल मीडिया पर बवाल
वीडियो में महिलाएं स्पष्ट रूप से बताती हैं कि उन्होंने अपना काम छोड़कर रैली में हिस्सा लिया, लेकिन बदले में उन्हें वादा पूरा नहीं किया गया। कुछ ने 100 रुपये का नोट दिखाते हुए कहा कि इसी एवज में उन्हें बुलाया गया था। सवाल यह उठ रहा है कि क्या कांग्रेस की भीड़ स्वस्फूर्त थी या फिर प्रायोजित?
शीर्ष नेताओं की मौजूदगी, लेकिन छवि पर असर?
इस रैली में कांग्रेस के बड़े नेता—छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, चरणदास महंत और टीएस सिंहदेव मौजूद थे। पदयात्रा और रैली में भारी भीड़ जुटी, लेकिन अब वायरल वीडियो के बाद कांग्रेस की छवि पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कांग्रेस का बचाव : आरोप निराधार और साजिश
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस आरोप को बेबुनियाद और साजिश बताया। उन्होंने कहा, “रैली में कार्यकर्ताओं का जनसैलाब उमड़ा था। आम लोग स्वेच्छा से शामिल हुए। हजारों की भीड़ को किराए पर बुलाना संभव ही नहीं है।” जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने भी यही दोहराया और कहा कि आरोप पूरी तरह तथ्यहीन हैं।
भाजपा का पलटवार : कांग्रेस की परंपरा जनता को बरगलाना
वहीं भाजपा नेता और नगर पालिका उपाध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव हारने के बाद मुद्दा विहीन हो चुकी है, इसलिए अब भीड़ जुटाने के लिए किराए का सहारा ले रही है। मिश्रा ने आरोप लगाया कि कई लोग उनके पास खुद आकर बताते हैं कि उन्हें रैली में बुलाया गया था, लेकिन न खाना-पानी मिला और न ही तय रकम।
सचिन पायलट का हमला : भाजपा वोट चोर
रैली के मंच से कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रमाणों के साथ वोट चोरी का मुद्दा उठाया है और कांग्रेस अब सड़क से संसद तक इस लड़ाई को लड़ेगी। उन्होंने कहा, “बिहार में करोड़ों वोट एक महीने में वेरिफाई हो सकते हैं तो यहां लाखों वोट किसके इशारे पर काटे गए? हमारी लड़ाई लोकतंत्र बचाने की है।”