BRTS Tender Controversy : रायपुर से नवा रायपुर के बीच चलने वाले बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) के टेंडर को लेकर विवाद शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए एनआरडीए (नवा रायपुर विकास प्राधिकरण) से टेंडर रद्द करने की मांग की है।
महासंघ का आरोप है कि टेंडर की शर्तों को जानबूझकर एक फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया था। टेंडर में तीन साल का अनुभव अनिवार्य रखा गया था, जो छत्तीसगढ़ में काम कर रहे अन्य ऑपरेटरों के पास नहीं है। जिस फर्म को टेंडर दिया गया है, वह सिटी बस संचालन में डिफाल्टर हो चुका है। महासंघ ने आरोप लगाया है कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई।
एनआरडीए ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हुई है। उन्होंने कहा है कि टेंडर की शर्तें सभी ऑपरेटरों के लिए समान थीं और जिस फर्म को टेंडर दिया गया है, वह सभी योग्यता मानदंडों को पूरा करती है।
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने टेंडर रद्द करने की मांग को लेकर एनआरडीए को ज्ञापन सौंपा है। एनआरडीए ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
यह विवाद रायपुर-नवा रायपुर बीआरटीएस परियोजना की शुरुआत में देरी ला सकता है। यह देखना बाकी है कि एनआरडीए की जांच में क्या सामने आता है और टेंडर को लेकर क्या फैसला लिया जाता है।