डोंगरगढ़। नगर पालिका में भ्रष्टाचार के मामलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में अनियमितताओं और वित्तीय गड़बड़ियों के चलते पांच अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया गया था। इस कार्रवाई के बाद उम्मीद की जा रही थी कि प्रशासन सतर्क होगा, लेकिन अब हालात और बदतर होते दिख रहे हैं।
हाई स्कूल चौक पर चेकर टाइल्स में अनियमितता
ताजा मामला हाई स्कूल चौक का है, जहां सड़क किनारे चेकर टाइल्स लगाने का काम चल रहा है। इस लाखों रुपए के टेंडर में मानकों की अनदेखी की जा रही है। ठेकेदार ने चार इंच बेस बनाने की अनिवार्यता को दरकिनार कर कहीं दो इंच का बेस बनाया, तो कहीं बिना बेस के ही टाइल्स बिछा दी गईं। इसके अलावा, निर्माण कार्य में घटिया मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है। सीमेंट डस्ट की जगह घटिया क्वालिटी की रेत का इस्तेमाल किया गया है, जिससे काम की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सीएमओ का गैर-जिम्मेदाराना रवैया
इस मामले पर जब नगर पालिका के सीएमओ चंद्रकांत शर्मा से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “नगर पालिका में फिलहाल कोई इंजीनियर नियुक्त नहीं है, इसलिए इस कार्य की जांच संभव नहीं है।” उनका यह बयान प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है। बिना इंजीनियर के निर्माण कार्य कराना और मानकों की अनदेखी करना सरकारी धन की बर्बादी का उदाहरण है।
प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का प्रतीक
यह मामला केवल चेकर टाइल्स लगाने तक सीमित नहीं है। यह सरकारी तंत्र की लापरवाही और भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें दिखाता है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आम जनता के लिए गंभीर समस्या बन सकती है।