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बिलासपुर में मुद्रा संग्रहालय: सिक्कों और नोटों के माध्यम से भारतीय इतिहास की झलक

बिलासपुर शहर में इतिहास के पन्ने पलटने का एक अनूठा अवसर आया है। बिलासपुर मुद्रा परिषद द्वारा आयोजित ‘विरासत 2024’ प्रदर्शनी में सिक्कों और नोटों का एक विशाल संग्रह प्रदर्शित किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी न केवल सिक्कों और नोटों के इतिहास प्रेमियों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

एक अनूठा संग्रह

बिलासपुर मुद्रा परिषद के सदस्यों ने अपने व्यक्तिगत संग्रह से बेहद दुर्लभ और मूल्यवान सिक्के और नोट इस प्रदर्शनी के लिए उपलब्ध कराए हैं। इनमें महारानी विक्टोरिया काल के सिक्के, ब्रिटिश इंडिया के नोट, गुप्त काल के सोने और चांदी के सिक्के, मुगल काल के सिक्के, भारत रत्न प्राप्त व्यक्तियों पर जारी सिक्के, वन्यजीवों पर आधारित नोट और विभिन्न देशों के दुर्लभ नोट शामिल हैं।

प्रदर्शनी में क्या देखें

सिक्कों और नोटों का इतिहास

सिक्कों का इतिहास बेहद पुराना है। प्राचीन काल में व्यापारिक लेन-देन में धातु के सिक्कों का उपयोग किया जाता था। इन सिक्कों पर शासकों के चित्र और प्रतीक अंकित होते थे जो उस समय के राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को दर्शाते थे। समय के साथ सिक्कों के डिजाइन और सामग्री में बदलाव आते रहे।

नोटों का इतिहास भी काफी दिलचस्प है। शुरुआत में नोटों का उपयोग व्यापक रूप से नहीं होता था। धीरे-धीरे नोटों ने सिक्कों का स्थान ले लिया और आजकल हम सभी नोटों का उपयोग करते हैं।

प्रदर्शनी का महत्व

यह प्रदर्शनी सिक्कों और नोटों के इतिहास के बारे में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह प्रदर्शनी हमें हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ती है और हमें विभिन्न देशों के मुद्रा इतिहास के बारे में जानकारी देती है।

कहां और कब देखें

यह प्रदर्शनी 22 सितंबर को बिलासपुर के लायंस क्लब में सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित की जा रही है। यदि आप सिक्कों और नोटों के इतिहास में रुचि रखते हैं तो यह प्रदर्शनी आपके लिए एक शानदार अवसर है।

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