रायपुर। राजधानी रायपुर में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर डीएड अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शिक्षा विभाग ने सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पक्षपात किया है। विभाग ने कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी, जबकि सैकड़ों योग्य अभ्यर्थियों को अनदेखा कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
शिक्षा विभाग द्वारा सहायक शिक्षक के 6285 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के तहत शुरू की गई थी। हालांकि, अब तक सिर्फ पांच चरणों में 3979 पदों पर ही नियुक्ति हो सकी है, जबकि 2300 से अधिक पद खाली हैं। इनमें से 984 पद निर्विवाद रूप से रिक्त माने गए हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि पंचम चरण की काउंसलिंग में कई अयोग्य उम्मीदवार मेरिट सूची में शामिल कर लिए गए थे, जिससे योग्य अभ्यर्थी बाहर हो गए और कई सीटें अब भी खाली हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और विभाग का तर्क
28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर अंतिम आदेश जारी कर दिया है, जिसमें हाईकोर्ट के निर्णय को भी उचित ठहराया गया है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग का कहना है कि मामला अभी कोर्ट में लंबित है, जिस पर प्रदर्शनकारियों ने नाराजगी जताई।
क्या हैं अभ्यर्थियों की मांगें?
- छठवें चरण की काउंसलिंग शीघ्र कराई जाए
- काउंसलिंग 1:2 अनुपात में हो, ताकि अपात्रों की छंटनी हो सके
- पात्र अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन कर स्कूल आवंटन जल्द किया जाए
- नियुक्ति प्रक्रिया को 1 जुलाई 2025 से पहले पूरा किया जाए, क्योंकि परीक्षा परिणाम की वैधता तब तक है