छत्तीसगढ़ में जमीन खरीद-बिक्री होगी अब आसान और पारदर्शी, सरकार ने शुरू की नई डिजिटल व्यवस्था

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में जमीन खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए नई डिजिटल व्यवस्था की शुरुआत की है। अब आम लोगों को जमीन की जानकारी के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने या बिचौलियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस व्यवस्था के तहत जमीन से जुड़ी तमाम जानकारी अब पंजीयन विभाग की वेबसाइट और ‘SUGAM’ मोबाइल ऐप पर चंद सेकंड में उपलब्ध हो सकेगी।

मोबाइल पर मिलेगी जमीन की पूरी जानकारी

इस डिजिटल व्यवस्था से लोग अब घर बैठे ही अपनी जमीन से संबंधित गाइडलाइन दर, स्टांप ड्यूटी, पंजीयन शुल्क और अन्य जरूरी विवरण आसानी से जान सकेंगे। इसके लिए लोगों को नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा:

  1. पंजीयन विभाग की वेबसाइट या ‘सुगम’ ऐप पर जाएं।
  2. जिला, तहसील और गांव का चयन करें।
  3. संबंधित जमीन का खसरा नंबर डालें और गूगल मैप पर जमीन की लोकेशन चुनें।
  4. स्क्रीन पर जमीन से जुड़ी सारी जानकारी दिखाई देगी, जैसे कि गाइडलाइन दर, स्टांप ड्यूटी, पंजीयन शुल्क आदि।

नई तकनीक से तय होंगी गाइडलाइन दरें

इस बार पंजीयन विभाग ने गाइडलाइन दरों को तय करने के लिए डिजिटल टूल्स और नई तकनीक का इस्तेमाल किया है। इससे दरें बाजार मूल्य के अधिक करीब होंगी और वास्तविकता के ज्यादा अनुरूप मानी जाएंगी।

महानिरीक्षक, पंजीयन विभाग पुष्पेंद्र कुमार मीणा के अनुसार, नई व्यवस्था से रजिस्ट्री की प्रक्रिया बेहद सुविधाजनक हो जाएगी। फिलहाल गाइडलाइन दरों में 1.5 से 2 गुना तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे एक सप्ताह के भीतर शासन को सौंपा जाएगा। इसके बाद कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही यह नई दरें पूरे राज्य में लागू होंगी।

पारदर्शिता और सुरक्षा का बढ़ेगा स्तर

यह डिजिटल पहल न सिर्फ प्रक्रिया को सरल बनाएगी बल्कि पारदर्शिता में भी इजाफा करेगी। इससे जमीन खरीदने-बेचने के मामलों में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की संभावना भी घटेगी। विभाग के अनुसार, फिलहाल जो गाइडलाइन दरें लागू हैं, वे 2017 से अपडेट नहीं हुई थीं, और बाजार मूल्य से काफी कम थीं।

You May Also Like

More From Author