हाथी प्रभावित क्षेत्र में सुविधा विस्तार पर चर्चा: सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में उठे मुद्दे

छत्तीसगढ़ के उत्तर क्षेत्र में हाथियों से बचाव और सुविधाओं के विस्तार को लेकर वन विभाग व जनप्रतिनिधियों के बीच मंथन

छत्तीसगढ़ के उत्तर क्षेत्र में हाथियों के लगातार बढ़ते उत्पात को देखते हुए सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में हाथी प्रभावित क्षेत्रों में सुविधाओं के विस्तार और सुरक्षा उपायों पर गहन चर्चा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कई विधायकों की उपस्थिति में वन विभाग ने इन क्षेत्रों में हाथियों से सुरक्षा और प्रभावित लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया। वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार अग्रवाल और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रेम कुमार ने संबंधित जनप्रतिनिधियों से सुझाव लिए।

उत्तर छत्तीसगढ़ में हाथियों के कारण धान और गन्ना की फसल को नुकसान पहुंचने और कई बार जान-माल का नुकसान होने की घटनाएं बढ़ी हैं। इसी क्रम में बैठक में विधायकों ने प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रकाश व्यवस्था की मांग की, ताकि रात के अंधेरे में हाथियों का आना-जाना नजर में रहे और लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचने में सुविधा हो। विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते और प्रबोध मिंज ने जंगल से लगे क्षेत्रों में हाई मास्क लाइट लगाने पर जोर दिया।

हाथी प्रभावित गांवों में कच्चे मकानों को पक्के मकानों में बदलने की कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई, ताकि ग्रामीण सुरक्षित रह सकें। इसके अलावा, प्रतापपुर क्षेत्र में हैंगिंग फिनिशिंग द्वारा हाथियों का प्रवेश रोकने और नारंगी क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर उन्हें वन या राजस्व विभाग में शामिल करने की भी योजना बनाई गई। बैठक में सरगुजा के मुख्य वन संरक्षक वी माथेश्वरन, उप निदेशक एलिफैंट रिजर्व टी श्रीनिवास, और डीएफओ सूरजपुर पंकज कमल समेत अन्य वन अधिकारी उपस्थित रहे।

विधायक प्रबोध मिंज ने सुझाव दिया कि हाथियों के आने वाले क्षेत्रों में समुचित प्रकाश की व्यवस्था से उनके विचरण को रोका जा सकता है। जहां प्रकाश की कमी है, वहां हाई मास्क लाइट लगाने से हाथियों का खतरा कम होगा और लोगों को सुरक्षित आवागमन में मदद मिलेगी।

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