रायपुर। डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लाँड्री कार्य के लिए निकाले गए टेंडर को कड़े विरोध के बाद निरस्त कर दिया गया है। आरोप लगाया गया था कि टेंडर की शर्तें इस तरह रखी गई थीं जिससे स्थानीय व्यवसायियों को दरकिनार कर किसी विशेष फर्म को लाभ पहुंचाया जा सके।
टेंडर को लेकर उठी आपत्तियाँ
अस्पताल प्रशासन ने हाल ही में एक टेंडर जारी किया था, जिसके तहत अस्पताल की सभी बेडशीट, पीलो कवर, डॉक्टर्स यूनिफॉर्म, पेशेंट और स्टाफ यूनिफॉर्म, टॉवेल, ब्लैंकेट, ओटी लिनेन सेट, गाउन, कर्टन, एप्रन और नर्सिंग यूनिफॉर्म की धुलाई का काम किसी निजी फर्म से कराया जाना था।
धोबी समाज, स्थानीय व्यवसायियों और लाँड्री कर्मचारी संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि टेंडर की शर्तें ऐसी थीं जिन्हें स्थानीय स्तर पर पूरा कर पाना लगभग असंभव था, जिससे सीधे-सीधे फर्म विशेष को फायदा पहुंचाना लक्ष्य था।
प्रतिनिधिमंडल ने की थी शिकायत
इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए छत्तीसगढ़ धोबी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सूरज निर्मलकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी से मुलाकात की थी।
प्रतिनिधिमंडल ने टेंडर निरस्त करने और शर्तों को सरल बनाकर नए सिरे से जारी करने की मांग रखी थी।
मंत्री के निर्देश पर कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के निर्देश दिए। इसके बाद डीकेएस अस्पताल प्रबंधन ने लाँड्री सेवा कार्य के लिए जारी किए गए टेंडर को रद्द कर दिया।
इस मुद्दे पर प्रो. घनाराम साहू के मार्गदर्शन में समाज के प्रतिनिधियों ने भी मुहिम चलाई थी, जिसके चलते मामला और जोर पकड़ गया।