आज रायपुर में United Doctors Front Association (UDFA) के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इन मांगों में प्रमुख रूप से NEET PG काउंसलिंग में सीटों के आवंटन में गड़बड़ी और डॉक्टर्स के वेतन में विसंगति का मुद्दा उठाया गया।
UDFA के अध्यक्ष डॉक्टर हीरा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर ध्यान दिया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। एसोसिएशन का मुख्य आरोप है कि AIIMS रायपुर से MBBS पास आउट छात्रों को राज्य कोटे की सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा है, जो कि नियम विरुद्ध है।
ज्ञापन में उठाए गए मुख्य बिंदु:
- वेतन विसंगति का समाधान:
- बॉन्डेड डॉक्टर्स (2018 बैच) को लिपिकीय त्रुटि के कारण मूल वेतन से 14,850 रुपये कम मिल रहे हैं। उन्हें 55,000 रुपये के बजाय 69,850 रुपये मिलना चाहिए। इस वेतन विसंगति को दूर करने की मांग की गई है और 2023 का बढ़ा हुआ वेतन देने की अपील की गई है।
- NEET PG काउंसलिंग में राज्य कोटे का हक:
- NEET PG काउंसलिंग में छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों के लिए निर्धारित 50% राज्य कोटे की सीटों पर AIIMS रायपुर के MBBS छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है। UDFA ने यह मांग की है कि AIIMS से पास आउट डॉक्टर्स को सिर्फ ऑल इंडिया कोटे की सीटों के लिए पात्र माना जाए और राज्य की सीटों पर सिर्फ छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही प्रवेश मिले।
- PG डॉक्टरों के अध्ययन अवकाश में सुधार:
- रेगुलर और परमानेंट चिकित्सा अधिकारी जो MD, MS, DM, MCh कर रहे हैं, उनके अध्ययन अवकाश को 2 साल से बढ़ाकर 3 साल सवैतनिक करने की मांग की गई है, ताकि उन्हें अंतिम वर्ष में भी सैलरी मिल सके।
- डॉक्टर्स की काम करने की स्थिति में सुधार:
- PG रेसिडेंट्स जो लगातार 24/36 घंटे ड्यूटी करते हैं, उन्हें ड्यूटी के बाद 24 घंटे का अवकाश और हफ्ते में एक दिन का अवकाश देने की मांग की गई है। अत्यधिक काम के कारण होने वाली मानसिक और शारीरिक थकान मरीजों की देखभाल में बाधा उत्पन्न कर सकती है, इस पर जोर दिया गया है।