डोंगरगढ़। सोशल मीडिया पर शुरू हुई एक सामान्य सी दोस्ती कैसे शादी के वादों तक पहुंची और फिर टूटे हुए भरोसे के साथ लाखों की ठगी में बदल गई, यह किसी फिल्मी कहानी जैसी लगती है, लेकिन हकीकत में यह डोंगरगढ़ की घटना है। यहां एक युवती को फेसबुक के ज़रिए एक ठग ने PWD इंजीनियर बनकर अपने जाल में फंसा लिया और उससे 7 लाख 35 हजार रुपये ठग लिए।
फेसबुक से शुरू हुई दोस्ती
आरोपी की पहचान जयप्रकाश बघेल (निवासी: तखतपुर, बिलासपुर) के रूप में हुई है। उसने फेसबुक पर डोंगरगढ़ की युवती से संपर्क साधा और खुद को लोक निर्माण विभाग (PWD) में सिविल इंजीनियर बताया। कुछ ही हफ्तों में बातचीत गहरी हो गई और आरोपी ने युवती को शादी का प्रस्ताव दे दिया। इतना ही नहीं, वह युवती के घरवालों से भी मिला और रिश्ते की बात पक्की करने का दिखावा किया।
एक्सीडेंट की झूठी कहानी और ठगी
कुछ दिनों बाद आरोपी ने युवती को फोन कर घबराई हुई आवाज़ में बताया कि उसका गंभीर एक्सीडेंट हो गया है और इलाज के लिए तुरंत पैसों की ज़रूरत है। भरोसे में आई युवती ने बिना शक किए किश्तों में PhonePe और अन्य माध्यमों से 7 लाख 35 हजार रुपये आरोपी के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए। पैसे मिलने के बाद आरोपी का व्यवहार बदल गया, बातें कम होने लगीं और आखिरकार वह पूरी तरह गायब हो गया।
असलियत खुलते ही हक्का-बक्का परिवार
जब युवती और उसके परिवार को शक हुआ और उन्होंने पड़ताल की, तो पता चला कि जिसे वे सरकारी इंजीनियर मान बैठे थे, वह पेशेवर ठग निकला। उसके पास न नौकरी थी, न कोई असली पहचान।
पुराना अपराधी निकला आरोपी
जांच में खुलासा हुआ कि जयप्रकाश बघेल पहले से ही रायपुर के पुरानी बस्ती थाने में दर्ज ठगी के मामले (अपराध क्रमांक 254/2025, धारा 69 BNS) में फरार था। डोंगरगढ़ पुलिस ने तकनीकी जांच और बैंक लेन-देन के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ BNS की धारा 318(4) के तहत अपराध क्रमांक 379/2025 दर्ज किया गया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस की चेतावनी
डोंगरगढ़ पुलिस ने इस मामले को गंभीर डिजिटल ठगी का उदाहरण बताते हुए लोगों से सोशल मीडिया पर सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति खुद को सरकारी विभाग से जुड़ा बताता है, तो उसकी वैधानिक पुष्टि ज़रूरी है, खासकर जब मामला पैसे या रिश्ते से जुड़ा हो।
यह घटना सिर्फ एक युवती से हुआ धोखा नहीं, बल्कि उस तेजी से बदलते डिजिटल समाज का आईना है, जहां अपराधी भावनाओं का फायदा उठाकर लोगों को ठग रहे हैं। प्रेम और भरोसे के नाम पर चल रही ऐसी ठगी से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।