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स्वास्थ्य विभाग ने रोक लगाई पेट की दवा पर, जांच रिपोर्ट आने तक इस्तेमाल न करें

रायपुर। राजधानी रायपुर और बलौदाबाजार जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और हमर क्लीनिकों में अब ऑफ्लॉक्सासिन 200 एमजी और ऑर्निडाजोल 500 एमजी टैबलेट की एक बैच के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। यह दवा आमतौर पर पेट में संक्रमण, दस्त और उल्टी जैसी बीमारियों के इलाज में दी जाती है।

ड्रग वेयरहाउस रायपुर से जारी आदेश के अनुसार, ड्रग कोड एसपी 1978, बैच नंबर CT24250404 की सभी गोलियों के उपयोग और वितरण पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई है। यह दवा सीएमजी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 1 जून 2024 को निर्मित की गई थी, जिसकी एक्सपायरी डेट 31 मई 2026 है। अधिकारियों ने बताया कि इस बैच का अधिकांश स्टॉक अस्पतालों में लगभग खत्म हो चुका है।

सभी अस्पतालों को जारी हुआ आदेश

स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद यह आदेश रायपुर और बलौदाबाजार जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, डेंटल कॉलेज, डीकेएस अस्पताल और अंबेडकर अस्पताल को भेजा गया है। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि यह बैच किसी संस्था में स्टॉक के रूप में मौजूद है, तो उसका उपयोग तत्काल रोका जाए और दवा को वापस ड्रग वेयरहाउस रायपुर में जमा कराया जाए।

जांच रिपोर्ट आने तक रोक जारी

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह दवा आमतौर पर आंतों के संक्रमण, फूड पॉइजनिंग, डायरिया और उल्टी-दस्त के मरीजों को दी जाती है। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस बैच पर रोक लगाने का कारण तकनीकी खामी है या गुणवत्ता संबंधी समस्या।

विभाग ने फिलहाल जांच रिपोर्ट आने तक दवा के उपयोग पर रोक बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। ड्रग कंट्रोल विभाग ने भी अस्पतालों से रिपोर्ट तलब की है ताकि इस बैच की सुरक्षा और गुणवत्ता की विस्तृत जांच की जा सके।

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