दुधावा जलाशय की मछलियों ने बनाई अंतरराष्ट्रीय पहचान, पहली खेप अमेरिका को निर्यात

कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले स्थित दुधावा जलाशय की मछलियों ने अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बना ली है। हाल ही में यहां उत्पादित पंगेसियस और तिलापिया मछलियों की पहली खेप संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात की गई है। इस उपलब्धि से स्थानीय मछुआरों और मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोगों में खुशी की लहर है।

उत्कृष्ट गुणवत्ता और स्वाद ने खोला वैश्विक बाजार
जल संसाधन और मत्स्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दुधावा जलाशय की मछलियों की गुणवत्ता और स्वाद की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। निर्यात के लिए विशेष तकनीक और मानकों के अनुरूप तैयार की गई मछलियों ने अमेरिका में अपना परचम लहराया है।

‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ की बड़ी सफलता
जिला प्रशासन ने इस सफलता को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ पहल के तहत एक मील का पत्थर बताया है। प्रशासन द्वारा मछुआरों को उन्नत प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि वे वैश्विक मानकों के अनुसार उत्पादन कर सकें।

नील क्रांति और पीएम मत्स्य संपदा योजना से बढ़ा उत्पादन
दुधावा जलाशय में 240 केज कल्चर यूनिट्स की स्थापना की गई है, जिससे प्रति केज 4 मेट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है। इन मछलियों को न केवल स्थानीय फुटकर विक्रेताओं को बेचा जा रहा है, बल्कि अन्य जिलों में भी वितरित किया जा रहा है।

140 टन मछली का निर्यात अमेरिका
इस वर्ष दुधावा जलाशय से उत्पादित 140 टन अतिरिक्त मछली को कोलकाता ले जाकर प्रोसेसिंग के बाद फिलेट रूप में अमेरिका भेजा गया। तिलापिया मछली की उच्च पोषण गुणवत्ता के चलते यह अमेरिका जैसे देशों में अत्यंत लोकप्रिय है।

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